लाइफस्टाइल हेल्थ

बदलते मौसम में इस तरह रखें अपनी सेहत का ध्यान

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लखनऊ: मौसम लगातार करवट बदल रहा है, जहां दिन में धूप हो रही है वहीं रात में सिहरन भरी ठंडक की शुरुआत हो चुकी है। मौसम का लगातार बदलता मिज़ाज आपकी सेहत के लिये भारी पड़ सकता है। इस मौसम में अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इस बदलते मौसम में अनेक मौसमी बिमारियां जैसे वायरल फीवर, फ्लू, सर्दी-ज़ुकाम, खांसी, गले में खराश, अस्थमा, जोड़ों में दर्द, डेंगू आदि की संभावना ज्यादा रहती है, यदि थोड़ी सी सावधानी बरतें, खाने-पीने पर ध्यान रखें तथा होम्योपैथिक दवाईओं का प्रयोग करें तो इस मौसम की बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है। उक्त बातें केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य एवं राजधानी के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अनुरुद्ध वर्मा ने ​मंगलवार को कही। डॉ. अनुरुद्ध वर्मा के अनुसार, बरसात के बाद जब जाड़े की शुरुआत हो रही होती है। वातावरण में नमी रहती है। दिन में गर्मी एवं रात्रि में ठडक रहती है। यह मौसम वायरस एवं बैक्टीरिया के फैलने के लिये ज्यादा मुफीद होता है। इस मौसम में ज्यादातर लोग वायरल फीवर की शिकायत करते हैं। इसमें तेज बुखार, जाड़ा लगना, आंखों से पानी, छींकें, आंखे लाल, शरीर में दर्द, कमजोरी, कब्ज या दस्त, मिचली या उल्टी की शिकायत रहती है। यह बुखार 3 से 7 दिन में ठीक हो जाता है परंतु कभी-कभी ज्यादा दिन भी चल सकता है।

ऐसे करें वायरल बुखार से बचाव

साफ़ सफ़ाई रखें, रोगी के सीधे संपर्क में न रहें, भीड़-भाड़ में जाने से बचें, गुनगुना पानी पियें, सुपाच्य भोजन करें, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं। डॉ. अनुरुद्ध वर्मा ने बताया कि वायरल बीमारियों के उपचार में होम्योपैथिक दवाइयां पूरी तरह कारगर है, इसलिए चिकित्सक की सलाह से इनका उपयोग करना चाहिए। इस मौसम में सुबह-शाम तापमान में गिरावट के कारण एवं वातावरण में नमी के कारण धूल के कण ऊपर नहीं जा पाते हैं, जिससे यह प्रदूषित कण श्वसन तंत्र में प्रवेश कर जाते हैं जिससे दमा एवं सीओपीडी की समस्या बढ़ सकती है, इसलिए प्रातः देर से टहलें तथा मास्क लगाये रखें।

बताया कि सुबह शाम पारे का उतार चढ़ाव दमा एवं ह्रदय रोगियों के लिये भी नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए पर्याप्त कपड़े पहनकर ही बाहर निकलें। कोरोना का संक्रमण कम हुआ है परंतु समाप्त नहीं हुआ है इसलिए मास्क लगायें, हाथों को साफ करते रहें, भीड़-भाड़ में जाने से बचें, सेनिटाइजर का प्रयोग करें, बीमार एवं वृद्ध लोग ज्यादा सतर्कता रखें।

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डॉ. वर्मा ने बताया कि इस मौसम में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। इस मौसम में खांसी हो तो दवाईयों के साथ-साथ गर्म पानी से गलाला करें। ठंडा पानी, आइस क्रीम, कोल्ड ड्रिंक आदि को न खाएं। इस मौसम में धूल, पराग कण, धुआं आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है जबकि कोरोना काल में इनका स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। बहुत सुबह घर से न निकलें, मास्क लगाकर ही निकलें, हल्के कपड़े न पहनें, बाइक पर चलते समय हैलमेट जरूर लगाएं जिससे ठंडी हवा से बचाव हो सके। नहाने के लिए गुनगुना पानी प्रयोग करें। इस मौसम में डेंगू बुखार की संभावना अधिक रहती है इसलिए आसपास पानी न एकत्र होने दें। मच्छरदानी लगा कर सोयें। पूरे पैरों को ढकने वाले कपड़े पहनें। इस मौसम में होने वाली बीमारियों से कुछ सावधनियां अपनाकर बचा जा सकता है, क्योंकि बचाव ही उपचार है।