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सर्दियों में इन तरीकों से करें त्वचा की देखभाल, दिखेगी खिली-खिली सी

shahnaj husain

लखनऊ: नवरात्रि को सर्दियों का प्रारम्भ माना जाता है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में ऊंची हिमालयी पर्वत श्रृंखलाओं पर सीजन की पहली बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है। इस बर्फबारी के बाद पहाड़ों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी ठण्ड का आगाज हो गया है। वातावरण में अचानक बदलाव से त्वचा, सिर, होठों तथा नाखून बुरी तरह प्रभावित होते हैं। सर्द ऋतु की तेज हवाओं से त्वचा शुष्क तथा पपड़ीदार होने के साथ ही होठों का फटना भी शुरू हो जाता है। सर्दियों के आरम्भ में मौसम में आर्द्रता की कमी से त्वचा में खिंचाव आना शुरू हो जाता है। जैसे ही वातावरण में आर्द्रता कम होना शुरू होती है वैसे ही शुष्क तथा फोड़े-फुन्सी से ग्रसित त्वचा के लिए परेशानियों का सबब शुरू हो जाता है।

सर्दियों के मौसम में हमारी त्वचा को दोहरी मार झेलनी पड़ती है क्योंकि पहले तो वातावरण में नमी की कमी तथा ठण्डी हवाओं से त्वचा रूखी-सूखी हो जाती है तो दूसरी और ठण्ड की मार से बचने के लिए हम गर्म पानी से नहाते हैं और घर में हॉट एयर कंडीशनर, अंगीठी, हॉट रॉड, हीटर आदि का जमकर प्रयोग करते हैं, जिससे घर के वातावरण में भी नमी की कमी हो जाती है। यह सभी विद्युत उपकरण हमारे घर के वातावरण और शरीर में नमी की कमी कर देते हैं। इससे हमारी त्वचा सूखकर फटने लगती है। इस सीजन में संवेदनशील त्वचा के लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं जिसमें त्वचा से खून बहना शुरू हो जाता है तथा इन्फेक्शन कई नई बीमारियों को दावत देती है। इसीलिए हमें सर्दियों में हमें अपनी त्वचा के प्रति ज्यादा सतर्क और संवेदनशील रहने की जरूरत है।

इस मौसम में सबसे ज्यादा जरूरत त्वचा की नमी बनाये रखने की होती है इसलिए दिन में आठ-दस गिलास शुद्ध जल नियमित रूप से पीयें। अपनी दिनचर्या में जूस, सूप, नारियल पानी सहित अनेक द्रव्य पदार्थों का सेवन करें, जिससे शरीर में नमी और आद्रता बनी रहे। इसके लिए आप मौसमी फलों जैसे स्ट्रॉबेरी, ब्लू बेर्री, ब्लैक बेरी, पल्म, सेब, अमरूद आदि को जरूर शामिल कीजिये।

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इस मौसम में त्वचा के अनुकूल वस्त्रों का उपयोग कीजिये। हालांकि इस मौसम में ऊनी कपड़े पहनने की अनिवार्यता होती है, लेकिन ऊनी स्वेटर/ पुल ओवर/ जुराबें आपकी त्वचा में जलन पैदा कर सकती हैं। इसलिए ज्यादातर सूती/ सिल्क के प्राकृतिक फाइबर को प्राथमिकता दें ताकि त्वचा सहज महसूस कर सके। घर से बाहर जाते समय हाथों को दस्ताने से कवर कर लें तथा यदि बारिश आदि की वजह से आपके कपड़े /जुराबें/ दस्ताने भीग जाएं तो इन्हें तत्काल बदल दीजिये अन्यथा आपकी त्वचा में खारिस जलन आदि पैदा हो सकती है।

फटी तथा शुष्क त्वचा को स्वास्थ्यप्रद बनाने के लिए नहाने से पहले नारियल तेल से मालिश कीजिये। नहाने के लगभग आधा घण्टा तक घर पर ही सामान्य वातावरण में रहें। अपने नहाने के पानी की बाल्टी में कुछ बूंदें ऑलिव ऑयल, कोकोनट ऑयल, आलमंड ऑयल डाल लें इससे नहाती बार आपकी त्वचा से कम हुई नमी को शरीर में बरकरार रखने में मदद मिलेगी। अगर आप नहाने से पहले शरीर में ऑलिव ऑयल, कोकोनट ऑयल के गर्म तेल या दूध से शरीर की मालिश करें, ज्यादा गर्म पानी से नहाने से परहेज करें तथा नहाने की अवधि को कम करें तो त्वचा की नमी बनाये रखने में मदद मिलेगी।

सर्दियों में सही खानपान त्वचा की सेहत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इस मौसम में तेल नमी को बरकरार रख सकते हैं। अपनी डाइट में ऑलिव ऑयल, कोकोनट ऑयल, आलमंड ऑयल, अवोकेडो ऑयल आदि को शामिल कीजिये। इससे आपके शरीर के आंतरिक भाग को स्वास्थ्यवर्धक बनाकर त्वचा की लालिमा और आकर्षण को प्राकृतिक तौर पर बरकरार रखा जा सकेगा। अपनी त्वचा को ठण्डी /बर्फीली हवाओं से बचाने के लिए हमेशा ढंक कर रखें। अल्कोहल युक्त सौन्दर्य प्रसाधनों के उपयोग से बचें। नहाने तथा अन्य दैनिक कार्यों में केमिकल युक्त साबुन की बजाय हल्के फेसवॉश का प्रयोग करें तथा अपने पैरों, हाथों, होंठों को मुलायम रखने के लिए त्वचा के अनुकूल सौन्दर्य प्रसाधनों/ क्रीम का उपयोग करें। सर्द मौसम के शुरुआती दिनों में त्वचा को क्रीम, माइस्चराईजर, फलों, पेय पदार्थो तथा उचित पोषाहार के माध्यम से नमी तथा आर्द्रता प्रदान की जानी चाहिए।

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अगर आप अपनी रसोई तथा किचन गार्डन से कुछ पदार्थों का सही उपयोग करें तो त्वचा से सम्बन्धित सभी परेशानियों को प्राकृतिक तरीके से आसानी से उपचार किया जा सकता है। सर्दियों में सामान्य तथा शुष्क त्वचा को सुबह तथा रात्रि में क्लीजिंग क्रीम तथा जैल से सामान्य पानी से धोना चाहिए। इस मौसम में त्वचा की आर्द्रता वातावरण में मिल जाती है तथा त्वचा को खोई हुई आर्द्रता को प्रदान करना अत्यधिक आवश्यक होता है।

त्वचा में आर्द्रता तथा नमी की लगातार कमी से त्वचा में रूखापन, पपड़ी, खुरदरापन तथा लालगी आनी शुरू हो जाती है। रात्रि में त्वचा से मेकअप तथा प्रदूषण की वजह से नमी गन्दगी को हटाने के लिए त्वचा की क्लींजिंग अत्यधिक जरूरी हो जाती है। त्वचा पर क्लींजर की मदद से हल्के से मालिश कीजिए तथा गीली कॉटन वूल से साफ कर दीजिए। गीली कॉटन वूल त्वचा से किसी भी प्रकार की नमी को नहीं सोखती जिसकी वजह से त्वचा में शुष्कता को रोकने में मदद मिलती है। सुबह त्वचा की क्लीजिंग के बाद त्वचा को गुलाब जल आधारित स्किन टाॅनिक या गुलाब जल से कॉटन वूल की मदद से टोन कीजिए। टोनिंग की वजह से त्वचा में रक्त संचार बढ़ता है।

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सर्दियों के मौसम में दिन के समय त्वचा को धूप की किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग कीजिए। सूर्य की तपिश की वजह से त्वचा में नमी में कमी आ जाती है। अधिकतर सनस्क्रीन में माईस्चराइजर विद्यमान होते हैं। माइस्चराइजर क्रीम तरल पदार्थ के रूप में उपलब्ध होते हैं। तरल माइस्चराईजर को फाउंडेशन लगाने से पहले प्रयोग करना चाहिए। जब भी त्वचा में रूखापन बढ़ना शुरू होता है तभी त्वचा पर द्रव्य माइस्चराईजर का प्रयोग कीजिए। रात्रि को त्वचा को नाइटक्रीम से पोषित करना चाहिए। त्वचा पर नाईटक्रीम लगाने से त्वचा चिकनी तथा मुलायम हो जाती है। जिससे त्वचा में नमी बनी रहती है। त्वचा की क्लींजिंग के बाद त्वचा पर पोषक क्रीम लगाकर त्वचा के ऊपरी तथा निचले हिस्से में अच्छी तरह मालिश करनी चाहिए तथा इसके बाद क्रीम को गीली कॉटन वूल से साफ करना चाहिए।

आंखों की बाहरी त्वचा के इर्द-गिर्द क्रीम लगाकर 10 मिनट बाद इसे गीले कॉटन वूल से धो डालना चाहिए। अक्सर तैलीय त्वचा को सतही तौर पर रूखेपन की समस्या से रूबरू होना पड़ता है। तैलीय त्वचा साफ करने के तुरन्त बाद रूखी बन जाती है। लेकिन अगर इस त्वचा पर क्रीम या माइस्चराईजर की मालिश की जाए तो फोड़े, फुन्सियां आदि उभर आती है। सामान्य त्वचा को मुलायम तथा कोमल बनाने के लिए प्रतिदिन दस मिनट चेहरे पर शहद लगाकर इसे साफ एवं ताजे पानी से धो डालिए। शुष्क त्वचा के लिए शहद में अण्डे का पीला भाग या एक चम्मच शुद्ध नारियल तेल डालकर त्वचा को मालिश कीजिए।

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तैलीय त्वचा के लिए शहद में अण्डे का सफेद हिस्सा तथा कुछ बूंदे नींबू जूस डालकर त्वचा की मालिश कीजिए। सेब के छिल्के तथा गूदे वाले भाग को बलेंडर में पूरी तरह पीस कर लेप बना लीजिए। इसे 15 मिनट तक चेहरे पर फेश मास्क की तरह लगाइए तथा इसके बाद ताजे ठण्डे पानी से धो डालिए। यह सभी प्रकार की त्वचा के लिए अत्याधिक प्रभावी स्किन टोनर साबित होता है।

धृतकुमारी सबसे प्रभावकारी माइस्चराईजर है। प्रतिदिन चेहरे पर ऐलोवेरा जेल लगाकर चेहरे को 20 मिनट बाद ताजे साफ पानी से धो डालिए। यदि आपके घर आंगन में धृतकुमारी का पौधा उगा है तो आप पौधे से सीधे जैल या जूस चेहरे पर लगा सकते हैं। एलोवेरा जैल पत्तियों के बाहरी भाग के बिल्कुल नीचे विद्यमान रहता है। यदि आप इसे अपने आंगन से सीधा प्रयोग में ला रहे हैं तो पौधे को साफ करना कतई न भूलें।

शहनाज हुसैन, ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ