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तबर ने फ्रांस के साथ किया समुद्री साझेदारी अभ्यास, राफेल ने भी लिया हिस्सा

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नई दिल्ली: कई देशों की लम्बी यात्रा पर निकले भारत के जलपोत आईएनएस तबर ने फ्रांस के पोर्ट ऑफ ब्रेस्ट की यात्रा पूरी होने पर बिस्के की खाड़ी में फ्रांसीसी नौसैनिक फ्रिगेट एफएनएस एक्विटाइन के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास किया। इसके अलावा एफएनएस एक्विटाइन से एक जुड़वां इंजन हेलीकॉप्टर (एनएच 90) और फ्रांसीसी नौसेना के चार राफेल लड़ाकू विमानों ने भी अभ्यास में भाग लिया।

अभ्यास के दौरान एंटी-सबमरीन, सतह युद्धाभ्यास, समुद्री दृष्टिकोण पर पुनःपूर्ति, लक्ष्य पर फायरिंग, विजिट बोर्ड सर्च एंड सीजर (वीबीएसएस), स्टीम पास्ट, एयर डिफेंस, एयर पिक्चर कंपाइलेशन, वर्टिकल रीप्लेनिशमेंट और क्रॉसडेक ऑपरेशंस सहित कई तरह के ऑपरेशन किए गए। यह अभ्यास दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने और समुद्री खतरों के खिलाफ संयुक्त संचालन को मजबूत करने की दिशा में पारस्परिक रूप से फायदेमंद थी। जलपोत आईएनएस तबर के फ्रांस में बंदरगाह पहुंचने पर फ़्रांसीसी नौसेना के सेरेमोनियल गार्ड ने स्वागत किया। फ्रांस और मोनाको में भारत के राजदूत जावेद अशरफ ने जहाज का दौरा किया और भारत की समुद्री सुरक्षा और मित्र देशों के साथ रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने में उनके योगदान के लिए जहाज के चालक दल की सराहना की।

इससे पहले आईएनएस तबर ने इटली के नेपल्स बंदरगाह में कई दिन बिताये थे। बंदरगाह से लौटने पर इस पोत ने 04-05 जुलाई 2021 को इटली नौसेना की अग्रिम फ्रिगेट आईटीएस एंटोनियो मार्सेग्लिया एफ-597 के साथ समुद्री साझेदारी करते हुए युद्धाभ्यास भी किया। इस अभ्यास में रात और दिन में एयर डिफेंस प्रक्रियाओं, समुद्र में पुनःपूर्ति, संचार अभ्यास और क्रॉस डेक हेलो अभियानों समेत नौसैनिक अभियानों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल थी। यह अभ्यास पारस्परिक रूप से अंतरसंचालनीयता बढ़ाने और समुद्री खतरों के खिलाफ संयुक्त अभियानों को मजबूत करने की दिशा में लाभप्रद था। नौसेना के रिवाज के अनुसार दोनों जहाजों की 'स्टीम पास्ट' के साथ इस अभ्यास का समापन हुआ था।

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इससे पहले भारत के जलपोत आईएनएस तबर ने भूमध्य सागर में ग्रीक और मिस्र की नौसेनाओं के साथ अभ्यास किया है। हेलेनिक (ग्रीक) नेवी के फ्रिगेट एचएस थेमिस्टोकलिस और मिस्र के जहाज तौशका के साथ वायु रक्षा के साथ कई और तरह के समुद्री अभ्यास किए गए। भारत और मिस्र के बीच संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से सद्भावना यात्रा के तहत आईएनएस तबर 29 जून को दो दिनों के लिए अलेक्जेंड्रिया पहुंचा था। समुद्र में इन अभ्यासों ने भारतीय नौसेना ने अन्य देशों की नौसेनाओं के बीच नौसैनिक सहयोग और अंतःक्रियाशीलता का उदाहरण दिया। आईएनएस तबर ने 13 जून से सद्भावना यात्रा शुरू की है। इस दौरान जलपोत तबर कई मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास में शामिल हो रहा है।