लखनऊः उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। लालबंगला निवासी स्वाइन फ्लू के मरीज राधेश्याम (80) की बुधवार दोपहर हैलट में मौत हो गई। उन्हें मंगलवार को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने बताया कि जब उन्हें भर्ती कराया गया था, तब वे सदमे की स्थिति में थे। वे सांस की बीमारी सीओपीडी के पुराने मरीज भी थे।
अन्य मरीजों में भी स्वाइन फ्लू की पुष्टी
इसके अलावा निजी अस्पताल में दो और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इनमें से एक महिला मरीज को बुधवार को हैलट इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। मरीज का सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजा जाएगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के संचारी रोग नोडल अधिकारी डॉ. बीपी प्रियदर्शी ने बताया कि राधेश्याम वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एमपी सिंह की देखरेख में भर्ती थे। उन्हें सिविल लाइंस स्थित एक अस्पताल से रेफर किया गया था। उन्हें प्रसूति विंग के आइसोलेशन कक्ष में रखा गया था।
बेहतर इलाज देने का किया जा रहा प्रयास
इसके अलावा बादशाही नाका निवासी मरीज नौलखी (50) को बुधवार को हैलट इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। उन्हें भी सिविल लाइंस स्थित अस्पताल से रेफर किया गया था। जांच में स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आया है। डॉ. सिंह ने बताया कि मरीज की हालत स्थिर है। स्वाइन फ्लू के कोई लक्षण नहीं हैं। उसे आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जा रहा है। तीसरा मरीज संत कबीर नगर का रहने वाला है। स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने पर उसे भी रेफर कर दिया गया। निजी अस्पताल के संचालक ने बताया कि तीन मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। उन्हें रेफर कर दिया गया है।
अस्पताल में स्वाइन फ्लू की जांच की पूरी व्यवस्था
सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि मरीजों का ब्योरा मंगाया गया है। उधर, हैलट के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि प्रसूति विंग में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए व्यवस्था की गई है। मरीजों की संख्या बढ़ने पर उन्हें संक्रामक रोग अस्पताल आईडीएच भेजा जाएगा।
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तेज बुखार और सांस फूलने को न करें नजरअंदाज
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉ. एमपी सिंह ने बताया कि स्वाइन फ्लू के मूल लक्षण मौसमी फ्लू जैसे ही होते हैं, जिसमें बुखार, गले में खराश, खांसी, नाक बंद होना, ठंड लगना, सिर और बदन दर्द, थकान और कभी-कभी उल्टी-दस्त भी शामिल हैं। अगर किसी को तेज बुखार के साथ सांस फूलने की समस्या है तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।