Surat News : धार्मिक शिक्षा प्रदान करने वाले मदरसों में प्राथमिक शिक्षा के संबंध में एक राज्यव्यापी सर्वेक्षण के हिस्से के रूप में, सूरत शहर और जिले के 39 मदरसों का एक सर्वेक्षण किया गया था। जिला शिक्षा पदाधिकारी की अलग-अलग टीमों के सदस्यों ने तीन दिनों के दौरान यह सर्वेक्षण कार्य पूरा किया। सर्वे में कई तरह की जानकारी सामने आई है, जिसमें पता चला है कि इन मदरसों में 69 बच्चे बिहार-यूपी के हैं, जो धार्मिक शिक्षा लेने के लिए सूरत आए हैं।
नहीं दी जा रही कोई अन्य शिक्षा
पिछले तीन दिनों में सूरत शहर और तहसीलों के 39 मदरसों का सर्वे कार्य पूरा हो गया। सर्वे के दौरान यहां कुल 802 बच्चों के धार्मिक शिक्षा लेने की जानकारी मिली। जांच के दौरान पता चला कि 69 बच्चे मदरसा शिक्षा के अलावा किसी भी तरह की शिक्षा से जुड़े नहीं थे यानी उन्हें प्राथमिक शिक्षा नहीं मिल रही थी। ये सभी बच्चे स्कूल नहीं जाते। इन मदरसों में मौलवी बनने के लिए आने वाले बच्चों के बारे में प्राथमिक जानकारी है।
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उर्दू में लिखे थे सारे दस्तावेज
सूरत में प्राथमिक धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद ये बच्चे आगे की धार्मिक शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जा सकते थे। मदरसे के रखरखाव के लिए रजिस्टर में सिर्फ छात्रों के नाम लिखे जाते हैं। इसके चलते शिक्षा विभाग को उनके अभिभावकों से संपर्क करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। मदरसों में मस्जिद होने की भी जानकारी मिली है। सर्वे टीम को मदरसे के दस्तावेज़ उर्दू में होने के कारण उन्हें समझने में भी दिक्कत हुई।
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