सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की कोरोना से निपटने में कुप्रबंधन की जांच की मांग वाली याचिका

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से निपटने में सरकार के कथित कुप्रबंधन की स्वतंत्र जांच के लिए आयोग के गठन की मांग को खारिज कर दिया है। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह याचिका खारिज की है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि हमें मानवाधिकार या क़ानून के हनन का सबूत दिखाइये। सिर्फ इसलिए कि आपको लगता है कि सरकार आपके हिसाब से कोरोना की रोकथाम को लेकर सही काम नहीं कर रही है, हम जांच का आदेश नहीं दे सकते। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि दूसरे देशों में संसद काम कर रही है। दवे ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित कमेटी कैसे काम कर रही है इसके बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। उन्होंने कहा था कि कोरोना के खतरे के बावजूद केंद्र सरकार ने डोनाल्ड ट्रंप का कार्यक्रम करवाया। लॉकडाउन से कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ।

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यह याचिका छह नौकरशाहों केपी फेबियन, एमजी देवश्याम, मीना गुप्ता, सोमसुंदर बुर्रा, अमित भादुड़ी और मधु भादुड़ी ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि कोरोना से निपटने में सरकार ने जिस गै रजिम्मेदाराना तरीके से काम किया, उसकी जांच की जरूरत है। 25 मार्च को बिना किसी तैयारी के लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई। इससे लोगों के रोजी-रोजगार पर बुरा असर पड़ा।