शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ‘नशा मुक्त हिमाचल अभियान’ शुरू करने जा रही है। जिसका उद्देश्य नशे समस्या से निपटना है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस अभियान में तीन-आयामी रणनीति तैयार की गई है, जिसमें नशे की लत की रोकथाम, नशे के आदी लोगों की शीघ्र पहचान और नशे के आदी लोगों को समाज में वापस लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
भावी पीढ़ियों को नशे की लत बचाना मुख्य उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार नशे की समस्या से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। यह समस्या हमारे समाज के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य, सामाजिक स्थिरता और आर्थिक कल्याण को प्रभावित करती है। हमारा मुख्य उद्देश्य भावी पीढ़ियों को नशे की लत के दलदल में फंसने से बचाना और अपने नागरिकों को नशे की लत के विनाशकारी प्रभावों से बचाना है, ताकि राज्य का दीर्घकालिक सामाजिक और आर्थिक कल्याण सुनिश्चित किया जा सके।
लोगों को किया जाएगा जागरुक
‘नशा मुक्त हिमाचल अभियान’ में शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, ग्रामीण विकास, युवा सेवाएं एवं खेल तथा सूचना एवं जनसंपर्क जैसे विभिन्न सरकारी विभागों सहित सभी प्रमुख हितधारकों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान पंचायती राज संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों, युवक मंडलों, महिला मंडलों और गैर सरकारी संगठनों सहित स्थानीय निकाय लोगों में नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
स्थापित किए जाएंगे परामर्श केंद्र
उन्होंने कहा कि अभियान में जमीनी स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों के साथ-साथ व्यापक प्रचार के लिए सोशल मीडिया भी शामिल होगा। राज्य सरकार पुनर्वास प्रयासों का समर्थन करने के लिए सरकारी अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नशे की लत की समस्या से निपटने के लिए परामर्श केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है। इन स्वास्थ्य केंद्रों में 5-10 बिस्तरों की क्षमता के साथ-साथ संबंधित बीमारियों के निदान परीक्षण और उपचार की सुविधाएं होंगी। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार नशे की लत में शामिल लोगों के पुनर्वास में अपने प्रयासों को मजबूत करने के लिए बुनियादी ढांचे को भी उन्नत कर रही है।
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सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नशे से संबंधित अपराधों पर अंकुश लगाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है और इस अभियान को रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एक सलाहकार बोर्ड पहले ही गठित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग ने मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध गतिविधियों से संबंधित मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की सहायता के लिए एक व्यापक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) प्रकाशित की है।
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