पराली जलाने के 30 फीसदी मामले हुए कम, फिर भी दम घोंट रही दिल्ली की हवा

नई दिल्लीः दिल्ली एनसीआर की हवा एक बार फिर दमघोंटने लगी है। नवम्बर महीने में दिल्ली एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआई) औसत 320 दर्ज किया गया है। वहीं, केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी आकंड़ों के अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस साल हरियाणा, पंजाब और एनसीआर में पराली जलाने की घटनाओं में 31.5 फीसदी की कमी आई है।

मंत्रालय के मुताबिक आंकड़ों के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश (यूपी) के एनसीआर जिलों में 15 सितम्बर से 30 नवम्बर की अवधि के दौरान धान की फसल के अवशेषों को जलाने की कुल घटनाएं और राजस्थान 2021 में 78,550 से घटकर 2022 में 53,792 पर आ गया है। जबकि दिल्ली एनसीआर में पराली जलाने की घटनाएं चार से बढ़कर दस हो गई है।

मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लिए अपनी सीआरएम योजना के तहत साल 2018 से लेकर साल 2023 तक के लिए 3,062 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की है। इस धन राशि में से पंजाब सरकार को 1,426 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए खरीदी गई मशीनरी की उपलब्धता के सम्बंध में, पंजाब में लगभग 1.20 लाख मशीनें हैं, हरियाणा में लगभग 72,700 और उत्तर प्रदेश (एनसीआर) में लगभग 7,480 मशीनें खरीदी गई हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)