Share Market Crash, मुंबई: अगस्त माह के पहले ही दिन जहां भारतीय शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने रिकॉर्ड बनाया था। यह पहला मौका था जब सेंसेक्स 82000 के पार और निफ्टी 25000 के पार चला गया। लेकिन शेयर बाजार की यह तेजी अगले दिन बरकरार नहीं रह सकी और औंधे मुंह गिर गया।
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स में करीब 900 और निफ्टी में भी करीब 300 अंकों की गिरावट आई। 2 अगस्त के कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 814 अंकों की गिरावट के साथ 81,026 अंकों पर और निफ्टी 282 अंकों की गिरावट के साथ 24,728 अंकों पर आ गया। इसी के साथ ही एक झटके में निवेशकों के करीब 4 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
Share Market Crash: बिकवाली रही हावी
दरअसल अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता और एशियाई बाजारों में गिरावट के बीच वॉल स्ट्रीट पर बिकवाली हावी रही। इसके चलते बैंकिंग, ऑटो, आईटी और पावर शेयरों में गिरावट आई। इसके चलते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड सभी कंपनियों का वैल्यूएशन 4.26 लाख करोड़ रुपये घट गया।
आज के कारोबारी सत्र के दौरान ज्यादातर कंपनियों के शेयर भाव में गिरावट दर्ज की गई। खास तौर पर मेटल और सरकारी बैंकों से जुड़े शेयरों में ज्यादा गिरावट आई। स्मॉलकैप और मिडकैप कंपनियों के शेयर भी लाल निशान में कारोबार करते नजर आए। जबकि छोटे और मझोले शेयरों पर भी दबाव देखने को मिला।
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Share Market Crash: 30 में से 25 शेयर लाल निशान पर बंद
बता दें कि सेंसेक्स के 30 में से 25 शेयर लाल निशान में बंद हुए। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, विप्रो, टाटा स्टील, एलएंडटी, एमएंडएम और टीसीएस सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयर रहे। एचडीएफसी बैंक, सन फार्मा, कोटक महिंद्रा बैंक और नेस्ले सबसे ज्यादा बढ़ने वाले शेयर रहे।
एलकेपी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट रूपक डे का कहना है कि वैश्विक बाजारों में बिकवाली के चलते भारतीय बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली है। आरएसआई भी बाजार में कमजोरी की ओर इशारा कर रहा है। ऐसे में ट्रेडर्स के लिए बढ़त पर बिकवाली करना बेहतर रहेगा। गिरावट की स्थिति में निफ्टी 24,530 और 24,400 तक जा सकता है।
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