Kolkata doctor rape murder case: अगस्त में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर में महिला जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या (Kolkata doctor rape murder case) के मामले की जांच कर रही सीबीआई के लिए फोरेंसिक टीम के एक डॉक्टर का बयान काफी अहम हो गया है।
Kolkata doctor rape murder case: पोस्टमार्टम से पहले ली थी तस्वीरे
इस डॉक्टर ने पोस्टमार्टम से पहले पीड़िता के शव की तस्वीरें ली थीं। सूत्रों के मुताबिक फोरेंसिक टीम के इस डॉक्टर ने इस मामले को आत्महत्या के तौर पर पेश करने की कुछ अन्य सदस्यों की कोशिश का कड़ा विरोध किया था। इस विरोध के साथ ही उन्होंने अपने मोबाइल फोन से पीड़िता के शव की तस्वीरें भी ली थीं। सीबीआई ने इन तस्वीरों को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। सीबीआई आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व विवादित प्रिंसिपल संदीप घोष और कोलकाता के ताला थाने के पूर्व एसएचओ अभिजीत मंडल के खिलाफ भी मामले की जांच कर रही है।
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वकील वृंदा ग्रोवर ने खुद को किया अलग
इन दोनों पर मामले की जांच को गुमराह करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट, कलकत्ता हाईकोर्ट और निचली अदालतों में पीड़िता के परिवार की ओर से केस लड़ रही वकील वृंदा ग्रोवर ने खुद को इस मामले से अलग करने का फैसला किया है। वृंदा ग्रोवर के चैंबर से जारी एक बयान में उनके फैसले के पीछे “कुछ बाहरी परिस्थितियों और कारकों” को कारण बताया गया है। यह दूसरी बार है जब पीड़ित परिवार ने अपना वकील बदला है। इससे पहले, वरिष्ठ अधिवक्ता और सीपीआई(एम) सांसद विकास रंजन भट्टाचार्य इस मामले में पीड़ित परिवार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
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