नई दिल्लीः केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अंतर्गत काम करने वाले “भारतपोल पोर्टल” (Bharatpol Portal) को लॉन्च किया। यह पोर्टल इंटरपोल की तर्ज पर काम करेगा और देश के सभी राज्यों को साइबर क्राइम, फाइनेंशियल क्राइम, ऑर्गेनाइज्ड क्राइम, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, इंटरनेशनल क्राइम के मामलों में एक क्लिक पर सारी जानकारी उपलब्ध कराएगा। भारतपोल पोर्टल के जरिए आपराधिक घटनाओं की जांच में तेजी आएगी और तय समय में जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी।
राज्यों की पुलिस किसी वांछित अपराधी या भगोड़े के संबंध में इंटेलिजेंस इनपुट के लिए भारतपोल पोर्टल की मदद से सीधे इंटरपोल की मदद ले सकेगी। यही नहीं विदेशी लॉ एंफोर्समेंट एजेंसियां भी किसी अपराधी के संबंध में जानकारी जुटाने के लिए ‘भारतपोल’ की मदद से भारतीय एजेंसियों से आसानी से संपर्क कर सकेंगी। इस तरह ‘भारतपोल पोर्टल’ इंटरनेशनल पुलिसिंग में भी काफी मददगार साबित होगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने भारतपोल पोर्टल की लॉन्चिंग के अवसर पर कहा कि यह शुरुआत हमारे देश की लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों के इंटरनेशनल इन्वेस्टिगेशन को एक अलग युग में ले जाएगी। एक प्रकार से अब तक इंटरपोल के साथ काम करने के लिए एक ही एजेंसी थी, मगर भारतपोल की लॉन्चिंग के बाद देश की हर एजेंसी, हर राज्य की पुलिस अपने आप को बहुत सरलता के साथ इंटरपोल के साथ कनेक्ट कर पाएगी और अपने इन्वेस्टिगेशन को गति देने में सक्षम होगी।
भारतपोल में कनेक्ट, नोटिस, रेफरेंस, ब्रॉडकास्ट और रिसोर्स समेत कुल पांच प्रमुख मॉड्यूल होंगे, जिनके माध्यम से हमारे देश की सभी लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियां एक प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगी। CBI को भारतपोल के माध्यम से एक बेहतरीन टेक्निकल प्लेटफॉर्म मिलेगा। हम इन्वेस्टिगेशन के लिए दूसरे देशों की एजेंसियों को आवश्यक सबूत और दस्तावेज भी बहुत आसानी से भेज सकेंगे। हम विदेशी जांच एजेंसियों से इनपुट प्राप्त करने में भी सक्षम होंगे।
भारतपोल क्राइम कंट्रोल के लिए हमारी एजेंसियों के लिए सीधा और प्रभावी संवाद सुनिश्चित करेगा। गृह मंत्री ने कहा कि रेड कॉर्नर और अन्य अलग-अलग तरह के नोटिस जारी करने के लिए हमारी एजेंसियां अपने अनुरोधों को भारतपोल की मदद से अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों तक तेजी से पहुंचा सकेंगी और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां भी भारत तक अपने ऐसे किसी अनुरोध को तेजी के साथ पहुंचा सकेंगी। इसका सबसे बड़ा लाभ उन अपराधियों को पकड़ने में मिलेगा, जो क्राइम करने के बाद जांच से जुड़ी जानकारी या निषेधात्मक आदेश जारी होने के बाद भी कानून की पहुंच से बाहर हो जाते हैं। इस नई व्यवस्था के लागू हो जाने से भारत से बच निकले अपराधियों तक भी कानून के हाथ पहुंचेंगे। भारत में अपराध करके विदेश भागने वाला अपराधी जहां भी रहेगा, उसका ट्रायल वहीं के कोर्ट में होगा और सजा भी मिलेगी।
Bharatpol Portal: बोझिल कागजी कार्रवाई से मिलेगी निजात
भारतपोल पोर्टल जारी करने का मकसद सिर्फ अपराधियों को पकड़ना नहीं, बल्कि समय रहते उनके खिलाफ शिकंजा कसना और अपराध को जड़ से खत्म करना है। यह एक एडवांस्ड ऑनलाइन पोर्टल है, जिसे CBI ने तैयार किया है। इसको एक लंबी ट्रायल प्रक्रिया से गुजरने और सभी कसौटियों पर खरा उतरने के बाद जारी किया गया है। इसको लॉन्च करने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि भारत में अक्सर राज्य पुलिस और जांच एजेंसियों को विदेशों में छिपे अपराधियों की जानकारी या उन्हें पकड़ने के लिए इंटरपोल का सहारा लेना पड़ता है। वर्तमान प्रक्रिया में राज्य सरकार को पहले CBI से संपर्क करना पड़ता था।
इसके बाद CBI इंटरपोल से संपर्क कर जरूरी नोटिस जारी करवाती थी। यह पूरी प्रक्रिया बहुत ही जटिल होती थी, इसमें जांच एजेंसिया का काफी समय भी बर्बाद होता था, जिसका लाभ उठाकर बहुत से अपराधी बच निकलने में कामयाब हो जाते थे। इसी समस्या को हल करने के लिए भारतपोल की शुरुआत की गई है। इसकी मदद से अपराधियों के खिलाफ रेड नोटिस, डिफ्यूजन नोटिस और अन्य जरूरी इंटरपोल नोटिस जारी करने की प्रक्रिया तेज और सरल हो जाएगी।
Bharatpol Portal : अपराधियों से जुड़ी अपील ट्रैक करना होगा आसान
किसी भी अपराधी से जुड़ी अपील को ट्रैक करने के लिए राज्यों को दोबारा CBI को ई-मेल या फैक्स नहीं करना होगा, भारतपोल पर पुलिस सीधे अपील को ट्रैक कर सकेगी। बता दें, जब किसी अपराधी की जानकारी या लोकेशन का पता लगाना होगा, तो पुलिस भारतपोल के जरिए सीधे इंटरपोल को अनुरोध भेज सकेगी। अगर इंटरपोल उस अनुरोध को स्वीकार करता है, तो संबंधित अपराधी के खिलाफ रेड नोटिस, डिफ्यूजन नोटिस या अन्य प्रकार के नोटिस जारी किए जाएंगे। भारतपोल का मकसद इंटरपोल के साथ संवाद को सुलभ और तेज बनाना है।
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किस तरह काम करता है इंटरपोल
इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन यानी इंटरपोल, दुनिया का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय पुलिस संगठन है। यह एक ऐसी संस्था है, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों की पुलिस के बीच तालमेल बिठाने का काम करती है। इस संगठन में 195 देशों की जांच एजेंसियां शामिल हैं, जिसके माध्यम से अपराधियों के बारे में सूचनाओं का लेनदेन और उन्हें दबोचने के लिए इंटरनेशनल नोटिस जारी किए जाते हैं। भारत की केंद्रीय जांच एजेंसी CBI इंटरपोल से जुड़ी है। वहां इनके अधिकारी नियुक्त हैं। इंटरपोल संस्था 1923 से काम कर रही है। इसका मुख्यालय फ्रांस के लियोन शहर में है। इंटरपोल कई तरह के नोटिस जारी करता है, लेकिन दो प्रमुख नोटिस होते हैं, जिनमें एक पीला नोटिस जारी होता है, जो गुमशुदा लोगों के लिए होता है। इसी कड़ी में दूसरा रेड नोटिस होता है, जो वॉन्टेड अपराधियों/आरोपियों के लिए जारी होता है।
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