Home विशेष शहर की स्मार्टनेस में ’दाग’ लगा रहे तारों के मकड़जाल

शहर की स्मार्टनेस में ’दाग’ लगा रहे तारों के मकड़जाल

 

आईपीके, लखनऊः स्मार्ट सिटी बनाए जाने की ओर अग्रसर राजधानी लखनऊ की सूरत को तारों के मकड़जाल बदसूरत बना रहे हैं। राजधानी के प्रमुख मार्गों पर चारों तरफ बिजली के खंभों पर तारों का जाल दिखायी पड़ जाएगा। शहर के पाॅश इलाके, हजरतगंज, गोमतीनगर, इंदिरानगर, आलमबाग, आशियाना के अलावा सभी इलाकों की प्रमुख सड़कों पर तारों का मकड़जाल देखा जा सकता है। जब यह हाल शहर की प्रमुख सड़कों का है तो गलियों में क्या हालात होंगे ? यह खुद सोचा जा सकता है। वहीं पुराने लखनऊ की संकरी गलियों में तार ही तार नजर आते हैं। बाजारों का हाल तो और भी बुरा है। जो शहर की खूबसूरती को बदसूरत बनाने के साथ-साथ आम जन के लिए असुरक्षित भी हैं। संकरी गलियों में बेइंतहा फैले तार दुर्घटनाओं के सबब भी बनते हैं।

राजधानी में इस समस्या से निजात दिलाने की दिशा में काम भी शुरू हो गया है। अमीनाबाद और चैक में बिजली के तारों को अंडरग्राउंड भी किया गया है, जबकि कुछ जगहों पर स्मार्ट सिटी के तहत बिजली के तारों को भूमिगत करने की योजना भी बनायी गयी है। मगर तारों को भूमिगत करने के अब तक जो भी काम हुए या होने वाले हैं वह काफी नहीं हैं। बल्कि इसके लिए योजना बनाकर बड़े पैमाने पर काम करने की जरूरत है। पुराने लखनऊ के चैक में 36 करोड़ के बजट से बिजली के तारों को भूमिगत किया गया। इस योजना में चैक चैराहे के आस-पास बिजली की लाइनों को अंडरग्राउंड किया गया। निर्माण इकाई के इंजीनियरों ने बताया कि यहां पर 2017 में काम शुरू किया गया था। योजना में प्रस्तावित 70 प्रतिशत कार्य पूरे कर लिए गए हैं। कोरोना काल के चलते शासन स्तर से बजट मिलने में देरी हो रही है। बजट मिलते ही काम पूरा कर लिया जाएगा।

अब तक लगाए जा चुके हैं 24 ट्रांसफार्मर

निर्माण इकाई के इंजीनियरों ने बताया कि इस योजना में चैक में 27 ट्रांसफार्मर लगाए जाने हैं। जिसमें से 24 लगाए जा चुके हैं। सुभाष रोड, चरक चैराहा, कोनेश्वर मंदिर, कंचन मार्केट की बिजली लाइनों को भूमिगत कर ट्रांसफार्मर लगाए जा चुके हैं।

सीएसएस ट्रांसफार्मरों से बढ़ी वितरण क्षमता

बिजली लाइनों को भूमिगत करने के बाद यहां पर लगाए गए सीएसएस (काम्पैक्ट सब स्टेशन) ट्रांसफार्मर से वितरण क्षमता बढ़ गयी है। इंजीनियरों ने बताया कि सीएसएस लगने से ना सिर्फ वितरण क्षमता बढ़ी है, बल्कि यह विद्युत आपूर्ति में भी बेहद सुरक्षित है। सीएसएस ट्रांसफार्मर ब्रेकर सहित आते हैं। ऐसे में पैक होने के चलते फाल्ट या अन्य दशा में आपूर्ति बाधित होने पर इससे आम जन को नुकसान नहीं होगा। यहां पर लगाए गए सीएसएस 750 व 1000 केवीए क्षमता के हैं। ऐसे में इनके लगने से ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि भी हो गयी।

सर्राफा मार्केट का काम जल्द होगा शुरू

इस योजना में चैक सर्राफा मार्केट के बिजली तारों को भी भूमिगत किया जाना प्रस्तावित है। केबल की कमी के चलते इस काम के शुरू होने में देरी हो रही है। वहीं संकरी गली होने के नाते कुछ व्यावहारिक समस्याएं भी सामने आ रही हैं। जिसका समाधान किया जा रहा है। यहां पर हाईटेंशन लाइन और एलटी लाइन के तार को भूमिगत किया गया है। जगह-जगह एलटी बाक्स बनाकर बाक्स की क्षमता के मुताबिक उपभोक्ताओं के तार जोड़े गए हैं।

अमीनाबाद में भी हो चुका भूमिगत लाइनों का कार्य

पिछली सपा सरकार में अमीनाबाद बाजार की बिजली लाइनों को भूमिगत किए जाने का काम कराया गया था। यहां पर करीब 19 करोड़ के बजट से हाईटेंशन और एलटी लाइनें भूमिगत की गयी थीं। साथ ही जगह-जगह एलटी बाक्स लगाकर उपभोक्ताओं के कनेक्शन के तार जोड़े गए थे।

यह भी पढ़ेंः राजनीतिक पार्टी बनाएंगे सीएए प्रदर्शनकारी

तारों के बोझ तले दबे बिजली के खंभे

खंभों पर न केवल बिजली के तारों का जाल है बल्कि इस पर केबल टीवी, फोन, इंटरनेट के तार भी लगे पड़े हैं। बिजली के खंभे तारों के बोझ तले दबे पड़े हैं। बिजली के खंभे नगर निगम की जमीन पर लगे हैं इसलिए विद्युत विभाग केबल टीवी, फोन व इंटरनेट वालों को सीधे तौर पर मना नहीं कर पाते। ऐसे में बिजली के खंभों पर तारों का मकड़जाल बढ़ता ही जाता है।

Exit mobile version