लखनऊः अगर मन में कुछ करने का जज़्बा हो तो कोई भी परेशानी आपके मार्ग में बाधा नहीं बन सकती। हर इंसान कामयाब होना चाहता है हर इंसान सफलता के पीछे दौड़ता है, पर बीच में आई कुछ परेशानियों से तंग आकर अपना रास्ता बदल लेते है, तो वहीं कुछ उन परेशानियों को अपने जुनून के आगे झुका देते हैं और सफलता हासिल कर लेते हैं।
परेशानियां सबको होती हैं, अपने जीवन में खुशियां हर कोई चाहता है पर इसके लिए जरुरी होता है आपका दृढ़ निश्चय। आज हम आपको एक ऐसे ही सफल इंसान के बारे में बताएंगे, जिसने परेशानियों का सामना करते हुए संघर्ष राह पर चलकर सफलता की मंजिल पाई है। ऐसे ही शख्स हैं भारत के ‘सोलर मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से मशहूर इंवर्टर बनाने वाली भारत की प्रमुख पॉवर सेल्यूशन कंपनी सु-काम पॉवर सिस्टम लिमिटेड कंपनी के मालिक कुंवर सचदेव। गली-गली जाकर पेन बेचने से लेकर आज कुंवर सचदेव भारत की प्रमुख पॉवर सेल्यूशन कंपनी के मालिक हैं और एक बिलेनियर बन चुके हैं। जानते हैं उनके संघर्ष से सफलता तक के सफर की कहानी।
ऐसे की सु-काम की स्थापना
एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे सचदेव के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी, लेकिन सचदेव ने अपनी आर्थिक स्थिति को कभी भी अपने लक्ष्य के रास्ते में नहीं आने दिया। आर्थिक स्थिति बेहतर न होने की वजह से वो काफी उम्र में अपने भाई के साथ मिलकर साइकिल से गली-गली पेन बेचने जाया करते थे। कुछ समय बाद उन्होंने पेन बेचने का काम बंद कर दिया और दिल्ली यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई की।
लॉ में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद सचदेव ने एक बार फिर खुद का बिजनेस शुरू करने की सोची और उस समय के हालातों को देखते हुए एक केबल टीवी कंपनी में काम किया, लेकिन एक खोजकर्ता के रूप में उन्होंने जल्द ही भारत के पॉवर बैकअप इंडस्ट्री के विकास और उनकी जरूरतों को भांप लिया।
जिसके चलते 2 साल बाद नौकरी से बचाए 10 हजार रुपए से 1988 में सचदेव ने खुद का केबल बिजनेस शुरू किया। जिसका नाम सु-काम रखा। 1991 में ग्लोबलाइजेशन के बाद टीवी केबल का बिजनेस काफी चल पड़ा, लेकिन उनकी किस्मत में अभी और संघर्ष लिखा था। साल 2000 में एक हादसा हुआ, जिसने सचदेव को काफी प्रभावित किया। इस साल कुंवर सचदेव के इन्वर्टर से एक बच्चे को करंट लगने की घटना घटी। इससे वो काफी दुखी हुए और अपनी योजना में बदलाव कर दिया। इसके बाद उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी और फिर उन्होंने प्लास्टिक बॉडी वाले इन्वर्टर बनाने शुरू कर दिए और सु-काम पॉवर सिस्टम की स्थापना की। कुछ ही सालों में कड़ी मशक्कत और महेनत के बाद सु-काम एक प्रतिष्ठित कंपनी बन गई। आज सु-काम इंडियन मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशन है। सु-काम को भारत की सबसे तेजी से बढ़ने वाली इंडस्ट्री में से एक माना जाता है। जो मेक इन इंडिया का प्रत्यक्ष उदाहरण है। सु-काम की पहुंच आज 90 से भी ज्यादा देशों में है।
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‘सोलर मैन ऑफ इंडिया’
भारत में प्लास्टिक इंवर्टर का श्रेय कुंवर सचदेव को ही जाता है। सचदेव को प्लास्टिक बॉडी इन्वर्टर का अविष्कार करने वाले विश्व के पहले व्यक्ति है। उन्हें “इनोवेशन ऑफ़ द डिकेड” के नाम से भी जाना जाता है। यूनिक सोलर डीसी सिस्टम के निर्माण में भी उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने बहुत छोटे हाउस रिमोट से लेकर बड़ी इंडस्ट्री के लिए भी सोलर उपकरणों की खोज की है। उनके इस योगदान की वजह से उन्हें ‘सोलर मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से भी संबोधित किया जाता है। कुंवर सचदेव को भारत सरकार ने ‘भारत शिरोमणि’ और अन्स्र्ट एंड यंग का ‘साल के सर्वश्रेष्ठ उद्योगपति’ अवॉर्ड से सम्मानित भी किया है। कुंवर के कठिन परिश्रम का ही यह फल है कि सु-काम आज सबसे ज्यादा मार्केट शेयर करने वाली कंपनी है। कुंवर सचदेव की कहानी सभी के लिए एक प्रेरणास्रोत है। उन्होंने अपने बिज़नेस की सफलता की कहानी खुद लिखी है।