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अब सीधे उपभोक्ता के खाते में आएगी सोलर पैनल की सब्सिडी, पंजीकरण की वैधता की गई समाप्त

लखनऊः सोलर पैनल लगवाने वाले उपभोक्ताओं के लिए नई व्यवस्था लागू की गयी है। इस नई व्यवस्था से जहां सोलर पैनल लगवाने की प्रक्रिया आसान होगी, तो वहीं उपभोक्ताओं को भी सहूलियत मिलेगी। नई व्यवस्था के तहत अब देश व प्रदेश का एक ही पोर्टल होगा। पोर्टल की केंद्रीय व्यवस्था से नेट मीटरिंग लगवाना आसान होगा। इसके लिए अब अलग-अलग जगहों पर भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ेगी।

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खास बात यह है कि नई व्यवस्था के तहत अब पोर्टल का संचालन नेडा की जगह उप्र पावर कॉर्पाेरेशन की ओर से किया जाएगा। इस पोर्टल पर ही घरेलू विद्युत उपभोक्ता नेट मीटरिंग लगवाने के लिए आवेदन कर सकेंगे। उपभोक्ताओं के आवेदन के 15 दिनों के भीतर नेट मीटरिंग चालू करने की भी व्यवस्था बनायी गयी है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) भारत सरकार की ओर से गत 22 जनवरी को इस बाबत नई गाइडलाइन जारी की गयी है। इसके तहत घरेलू बिजली उपभोग के लिए सोलर पैनल लगवाने के इच्छुक उपभोक्ता किसी भी वेंडर से सोलर पैनल लगवा सकते हैं।

नई गाइडलाइन में यूपी नेडा में पंजीकरण की वैधता को भी समाप्त कर दिया गया है। इसके साथ ही सब्सिडी की प्रक्रिया को आसान बनाते हुए सीधे उपभोक्ता के खाते में भेजने की व्यवस्था लागू कर दी गयी है। सोलर पैनल को लेकर नेडा की बजाय संबंधित बिजली कंपनियों की जवाबदेही भी तय कर दी गयी है। पावर कॉर्पोरेशन के मुख्य अभियंता व एमएनआरई के नोडल प्रभारी आशीष अस्थाना के अनुसार, सोलर पैनल की केंद्रीय व्यवस्था बनायी गयी है। अब केंद्र व राज्य का एक ही पोर्टल होगा। सोलर पैनल पर मिलने वाली सब्सिडी भी अब सीधे उपभोक्ता के खाते में जाएगी। केंद्रीय पोर्टल से नेट मीटरिंग के आवेदन की प्रक्रिया भी आसान होगी।

जानकारी के अभाव में भटक रहे उपभोक्ता

सोलर पैनल लगवाने की व्यवस्था को आसान बनाने के लि एमएनआरई की ओर से भले ही नई गाइडलाइन जारी कर दी गयी है, मगर ऊर्जा विभाग उदासीन बना हुआ है। इसका खामियाजा सोलर पैनल लगवाने के इच्छुक उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। जानकारी के अभाव में उपभोक्ता नेडा दफ्तर से लेकर बिजली घरों तक चक्कर लगाने को मजबूर हैं। नई गाइडलाइन जारी होने के तीन सप्ताह बाद भी इस व्यवस्था को लागू किए जाने की दिशा में कदम नहीं बढ़ाए जा सके हैं। अफसर केंद्रीय पोर्टल के नाम व संचालन को लेकर उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। आलम यह है कि विभागीय इंजीनियरों तक को भी इस नई व्यवस्था के विषय में जानकारी नहीं दी गयी है। ऐसे में बिजली घरों के चक्कर लगा रहे सोलर पैनल लगवाने के इच्छुक उपभोक्ताओं को वह इसकी जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। इसके चलते उपभोक्ता जगह-जगह भटकने को मजबूर हैं।

केंद्र से मिलती है 40 प्रतिशत सब्सिडी

महंगी बिजली से परेशान लोगों के लिए सोलर पैनल एक बेहतर विकल्प है। इस पर राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी सब्सिडी देती है। जानकारों की मानें तो सोलर पैनल लगवाने के लिए एक बार पैसा खर्च कर 25 वर्षों तक फ्री बिजली का उपभोग किया जा सकता है। सोलर पैनल लगवाने पर केंद्र सरकार 40 प्रतिशत छूट देती है, जबकि प्रदेश सरकार 15 से 30 हजार रुपए की सब्सिडी देती है। सब्सिडी पाने के लिए पहले ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों प्रकार के आवेदन की व्यवस्था थी। हालांकि, नई गाइडलाइन में सीधे उपभोक्ता के खाते में सब्सिडी आएगी।

बिल एक हजार, तो लगवाएं एक किलोवाट का सोलर

जानकारों की मानें तो बिजली बिल के खर्च के अनुसार सोलर पैनल का आंकलन कर सकते हैं। इसके तहत अगर आपका बिजली बिल एक हजार आ रहा है, तो एक किलोवाट व दो हजार रुपए आ रहा है तो दो किलोवाट का सोलर पैनल पर्याप्त होगा। इसी प्रकार अगर बिजली बिल 10 हजार रुपए है, तो 10 किलोवाट क्षमता वाला सोलर पैनल लगवाना सही होगा। प्रदेश सरकार 01 से 10 किलोवाट तक के सोलर पैनल पर 15 से 30 हजार, जबकि केंद्र सरकार 01 से 03 किलोवाट के सोलर पैनल पर 40 प्रतिशत और इसके बाद 10 किलोवाट तक 20 प्रतिशत सब्सिडी देती है। सोलर पैनल की उम्र 25 वर्ष होती है और इसका मेंटेनेंस खर्च बहुत कम होता है। हालांकि, 10 साल में एक बार बैटरी बदलना पड़ता है। बैटरी बदलने का खर्च 20 से 25 हजार रुपए होता है।

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