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पहाड़ी धसकने की तीन घटनाओं में अब तक 63 लोगों की मौत, ठाकरे ने की मोदी और शाह से चर्चा

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मुंबई: महाराष्ट्र में शनिवार रात से रुक-रुक कर हो रही बारिश से कई जिलों में हालात खराब हो गए हैं। इस बीच राज्य के तीन जिलों रायगढ़, रत्नागिरि और सातारा में पहाड़ी धसकने की घटनाओं में अब तक 63 लोगों की जान जा चुकी है जबकि मलबे में 80 से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। भारी बारिश के बीच मुंबई के गोवंडी इलाके में इमारत गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हुए हैं। इमारत के मलबे में अभी और लोगों के दबे होने की आशंका है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा भी की। ठाकरे ने इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बाढ़ के हालात से अवगत कराया था। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह ने इन हादसों पर गहरा दुख जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

रायगढ़ जिले की जिलाधिकारी निधि चौधरी ने बताया कि ग्राम तलई में गुरुवार की रात पहाड़ी का एक हिस्सा धसक कर यहां के 35 घरों पर गिर गया, जिसमें सभी घर पूरी तरह जमींदोज हो गए। इस हादसे में 49 लोगों की मौत हुई है। मलबे में कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है। घटनास्थल पर आज सुबह से राहत एवं बचाव कार्य जारी है। तलई गांव पहाड़ी क्षेत्र में है, इसलिए रात को यहां हेलीकॉप्टर नहीं उतर सका था और इस कारण राहत एवं बचाव कार्य विलंब से शुरू किया जा सका। स्थानीय निवासियों ने मलबे में अभी 65 लोगों के दबे होने की आशंका जताई है। रत्नागिरि जिला प्रशासन के मुताबिक जिले की खेड़ तहसील के ग्राम धामड़ंग में दो लोगों की मौत हुई है, जबकि 17 लोगों के दबे होने की आशंका है। सातारा जिले के ग्राम आम्बेघर में 12 लोगों की मौत हुई है।

मुख्यमंत्री ठाकरे ने राज्य में उत्पन्न संकट के मद्देनजर प्रमुख अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। मुख्यमंत्री ने पहाड़ी क्षेत्रों में खतरनाक जगहों पर रहने वालों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने गुरुवार को प्रधानमंत्री और आज केंद्रीय गृहमंत्री से बात की और राज्य में हर तरह की आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराए जाने की मांग की। प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री ने हर तरह की मदद का आश्वासन दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी की गोद में कई वर्षों से रहने वाले लोगों पर पहाड़ी धसकने का खतरा मंडराने लगा है। राज्य में अब तक इस तरह की तीन घटनाएं हुई हैं। सभी जगह राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, नौसेना और वायुसेना की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हैं। प्रशासन को अलर्ट रहकर किसी भी कीमत पर लोगों को बचाने का आदेश दिया गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में कुल 15 एनडीआरएफ की टीम राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। इनमें पालघर में एक, ठाणे में 2, रत्नागिरी में 4, सिंधुदुर्ग में एक, सातारा में एक और कोल्हापुर में 2 टीम शामिल हैं और पोलादपुर में एक टीम हवाई मार्ग से भेजी गई है। इसी तरह तटरक्षक बल की 2 टीम, नौसेना की दो टीम भी राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं। रत्नागिरि जिले के चिपलुन में 4 जगह राहत केंद्र शुरू किए गए हैं। राज्य सरकार की ओर से प्रभावितों को भोजन एवं रहने की वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जा रही है।