Sindhu Darshan Puja, नई दिल्ली: सिंधु नदी की पूजा के लिए आयोजित ‘सिंधु दर्शन पूजा’ कई मायनों में खास है। लेह में आयोजित इस सिंधु महोत्सव में देशभर से लोग इस पूजा में शामिल होने आते हैं। लेह-लद्दाख में सिंधु दर्शन महोत्सव को यहां की सभ्यता का प्रतीक माना जाता है। इस महोत्सव की शुरुआत 1996 में यहां के पर्यावरण के साथ-साथ संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से की गई थी।
2020 में लद्दाख जाकर PM मोदी ने सबको चौंकाया
3 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक लद्दाख जाकर सबको चौंका दिया, जहां उन्होंने भारतीय सैनिकों से मुलाकात की। अपने दौरे के दौरान उन्होंने निमू में नदी तट पर पारंपरिक ‘सिंधु दर्शन पूजा’ (Sindhu Darshan Puja) भी की। दरअसल ‘सिंधु दर्शन पूजा’, हजारों सालों से की जाने वाली यह प्राचीन रस्म सप्त सिंधु सभ्यता के सभ्यतागत इतिहास में बहुत महत्व रखती है।
उस समय यहां सिंधु दर्शन पूजा में शामिल होकर पीएम मोदी ने देश की शांति और समृद्धि के लिए पूजा की थी। उन्होंने सेना के जवानों से भी मुलाकात की और लद्दाख के गलवान में चीनी सैनिकों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले 20 वीरों को श्रद्धांजलि दी। आज हर हिंदू लेह में ‘सिंधु दर्शन पूजा’ कर सकता है।
सिंधु दर्शन यात्रा क्यों शुरू हुई?
अटल बिहारी वाजपेयी के पीएम पद से हटने के बाद सिंधु घाट निशाने पर नहीं था। लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद यह फिर से समाज के सामने आया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के मोदी आर्काइव हैंडल पर 3 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक लद्दाख दौरे का जिक्र है। जिसमें लिखा है कि भारत को आजादी मिलने के बाद यह व्यापक रूप से माना जाता था कि पूरी सिंधु नदी पाकिस्तान का हिस्सा बन गई है।
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हालांकि, 1996 में लेह जिले से होकर बहने वाली नदी के कुछ हिस्सों की पुनः खोज के बाद, 1997 में ‘सिंधु दर्शन यात्रा’ शुरू की गई। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में देश भर से 72 प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया था, जिसमें नरेंद्र मोदी, जो उस समय भाजपा में थे, के साथ-साथ लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडिस, साहिब सिंह वर्मा, फारूक अब्दुल्ला और अन्य राजनीतिक गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
कई बार सिंधु दर्शन यात्रा में शामिल हुई पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी पहली यात्रा के दौरान पंडित जसराज से भी मिले और दोनों ने नदी तट पर एक साथ भक्ति गीत गाए। 1997 में इसकी शुरुआत के बाद से पीएम मोदी कई बार सिंधु दर्शन यात्रा में शामिल हो चुके हैं। 2000 में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्य करते हुए, वे उस समय मौजूद थे जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सिंधु नदी के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व का जश्न मनाने वाले वार्षिक उत्सव का उद्घाटन किया था।