राजधानी दिल्ली में ‘सांसों’ की किल्लत, चिकित्सक बोले-कैसे करें इलाज

नई दिल्लीः दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कोरोना के मरीजों के परिजन बेचैन हैं। सर गंगाराम अस्पताल, उसके बाद जयपुर गोल्डन अस्पताल में हुई घटना से घबराहट बढ़ गई है। शनिवार को रोहिणी के जयपुर गोल्डन अस्पताल से 20 लोगों की मौत की खबर आई है। ऑक्सीजन की भारी कमी के कारण अस्पतालों के प्रबंधक अब सरकार से पूछ रहे हैं कि वे मरीजों को कैसे बचाएं। जयपुर गोल्डन अस्पताल के चिकित्सक निदेशक डॉ. डी के बलूजा ने बताया कि काफी मिन्नतें करने के बाद ऑक्सीजन का एक टैंकर पहुंचा है, लेकिन इससे सिर्फ छह घंटे ही मरीजों को बचाया जा सकेगा। उसके बाद क्या होगा, पता नहीं।

उन्होंने बताया कि अस्पताल में 200 मरीज हैं। इनमें से 80 ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं और 35 आईसीयू में भर्ती हैं। अस्पताल के तय कोटे का सिर्फ 40 प्रतिशत ऑक्सीजन मिल रहा है। डॉक्टर होने के नाते लोगों की जान जाते देखना बेहद दुखद है। सरकार ही बताए कि डॉक्टर ऐसी हालात में क्या करें। शाम को फिर ऑक्सीजन नहीं होगा। वहीं, सर गंगाराम अस्पताल के चेयरमैन ने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकार ने बेड की संख्या बढ़ाने को तो कह दिया, लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन की भारी कमी है ऐसे में मौजूदा मरीजों का ही इलाज करना चुनौती बना हुआ है। अन्य मरीजों का इलाज कैसे करें।

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शालीमार बाग के फोर्टिस अस्पताल ने भी ऑक्सीजन की मांग करते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री, गृहमंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से ट्वीट के माध्यम से गुहार लगाई है। एलएनजेपी अस्पताल के एमडी डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि पिछले 4-5 दिनों से आईसीयू में जगह नहीं है। ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज में मुश्किलें आ रही हैं। कमोवेश ऐसे ही हालात दिल्ली के सभी अस्पतालों में है। सभी जगह ऑक्सीजन की कमी की दिक्कत सामने आ रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण भर्ती मरीजों की जान आफत में है।