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इतिहास बनकर रह गई शिवसेना

शिवसेना

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता श्रीहरि अणे ने कानून का हवाला देते हुए कहा है कि शिवसेना के धनुष-बाण का प्रतीक हमेशा के लिए इतिहास बन गया है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने शिवसेना के धनुष-बाण चिह्न पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है।

श्रीहरि अणे ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि जब दो प्रतिवादी एक ही निशान का दावा करते हैं, तो कानून के प्रावधानों के अनुसार चुनाव आयोग ने दोनों समूहों को नए चिन्ह दिए जाने का निर्णय लिया है। इसलिए दोनों गुटों को नए चुनाव चिह्न के साथ मतदाताओं के सामने जाना होगा। हालांकि शिवसेना सचिव विनायक राऊत ने कहा कि शिवसेना चुनाव आयोग के इस निर्णय को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली है। राऊत ने कहा कि हम कल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से चर्चा करेंगे और फैसला लेंगे। यह निर्णय अप्रत्याशित, रहस्यमय है। हमारे वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा था। हमने मांग की कि अनुसूची 10 के तहत याचिकाएं लंबित हैं और उन पर फैसला होना चाहिए। हमने मांग की कि केंद्रीय चुनाव आयोग को फैसला नहीं लेना चाहिए।

अनिल देसाई ने प्रतिक्रिया दी है कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को अनुमति दी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने आज एक ही दिन में यह फैसला लिया। शिंदे समूह के प्रवक्ता भरत गोगवले ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री, नेता और उपनेता बैठकर इस निर्णय पर चर्चा करेंगे और तय करेंगे कि क्या केंद्रीय चुनाव आयोग का निर्णय दोनों समूहों के लिए बाध्यकारी है। उन्होंने कहा कि इसके बाद इस संदर्भ में निर्णय लिया जाएगा।

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