लखनऊः प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अब अपने दम पर निकाय चुनावों में प्रत्याशी उतारेगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराजगी के बीच प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने बुधवार को बड़ा ऐलान कर दिया है। कहा कि निकाय चुनाव अपने दम लड़ा जाएगा। इससे पहले बुधवार को अखिलेश यादव की ओर से भी शिवपाल यादव को झटका दिया गया था। दरअसल, रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की थी, जिसमें शिवपाल यादव का नाम नहीं था। जिसके बाद बुधवार शाम को शिवपाल यादव ने अपने पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की है।
इस अवसर पर शिवपाल यादव ने कहा कि प्रगतिशील सामाजवादी पार्टी (लोहिया) अपने पूर्व के अनुभवों से सबक लेते हुए आसन्न स्थानीय निकाय का चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। शिवपाल यादव ने कहा कि पिछले कुछ महीने मेरे जीवन के सबसे कठिन समय थे। यह राजनीतिक धैर्य, त्याग, आत्मसंयम और समाज की उम्मीदों की परीक्षा थी। आप सभी के भावनाओं और जनभावना का सम्मान करते हुए हमने खुले हृदय से सपा के साथ गठबंधन किया था, उसके प्रतिउत्तर में हमारे साथ विश्वासघात हुआ। इस घात का परिणाम यह है कि आज सामाजवादी पार्टी विपक्ष में बैठी है। शिवपाल यादव ने कहा कि प्रसपा प्रगतिशील समाजवाद व समावेशी राष्ट्रवाद के सिद्धांत के साथ आगे बढ़ेगी। राम के नाम पर विभाजन व नफरत की राजनीति की इजाजत किसी को नहीं है।
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ज्ञात हो कि साल 2017 से शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच नाराजगी चल रही थी। दोनों चाचा-भतीजे की नाराजगी को मुलायम सिंह यादव ने साल 2022 के चुनाव से पहले दूर करा दी थी। जिसके बाद बीजेपी को हराने के मकसद से शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का ऐलान किया था और अपनी पार्टी से किसी प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया था। खुद भी वे सपा के टिकट से ही चुनाव लड़े थे। चुनाव के बाद शिवपाल और अखिलेश में फिर दूरियां बढ़ गई थीं। पिछले कई दिनों से अखिलेश और शिवपाल में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था, जिसे लेकर अलग-अलग तरह के कयास शिवपाल के अगले कदम को लेकर लगाए जा रहे थे।
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