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उद्धव गुट ने दी EC के फैसले को चुनौती, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा शिवसेना सिंबल विवाद

नई दिल्लीः महाराष्ट्र में शिवसेना सिंबल विवाद बढ़ता जा रहा है। उद्धव ठाकरे गुट ने अब चुनाव चिह्न् ‘तीर-कमान’ को बालासाहेबंची शिवसेना गुट को देने के चुनाव आयोग (EC) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जिसमें शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी गई है। उद्धाव गुट (udhav thakre) द्वारा दी गई याचिका में शिंदे गुट को धनुष-बाण चुनाव सिंबल आवंटित करने के निर्वाचन आयोग (EC) के फैसले को चुनौती दी गई है। इसके अलावा उद्धाव ठाकरे ने आज सोमवार दोपहर 12.30 बजे मुंबई के शिवसेना भवन में इमरजेंसी बैठक भी बुलाई है। इस मीटिंग में बैठक में ठाकरे गुट के सभी विधायकों और नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। आज ही ठाकरे गुट चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी जाएगा।

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दरअसल निर्वाचन आयोग ने 17 फरवरी को एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना करार देते हुए तीर-कमान चुनाव सिंबल आवंटित किया था। आयोग ने पाया था कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। निर्वाचन आयोग ने कहा था कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई। इन तरीकों को निर्वाचन आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था। पार्टी की ऐसी संरचना भरोसा जगाने में भी नाकाम रहती है।

निर्वाचन आयोग के इस आदेश के खिलाफ उद्धव ठाकरे (udhav thakre) गुट ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। तीर-कमान चुनाव सिंबल बाल ठाकरे के समय से शिवसेना का चुनाव चिंन्ह रहा है। वहीं उद्वव गुट की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की है।

गौरतलब है कि शिवसेना का चुनाव सिंबल इस वक़्त महाराष्ट्र में सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है। जब से चुनाव आयोग का फैसला शिंदे गुट के पक्ष में आया है, तब से ठाकरे गुट के नेता लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। राज्य सभा सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने आज सामना के लेख में गृहमंत्री अमित शाह को महाराष्ट्र और मराठियों का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। राउत ने कहा, ”शिवसेना को तोड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए। शिवसेना महाराष्ट्र का स्वाभिमान और सम्मान है। बालासाहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र के स्वाभिमान के लिए शिवसेना का गठन किया था। अगर आप शिवसेना को तोड़कर खरीद रहे हैं तो इसका क्या मतलब है? शिवसेना कभी खत्म नहीं होगी। अंगारा है, आग है, बुझने वाला नहीं।”

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