मुंबईः महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ ‘महाविकास आघाड़ी’ की प्रमुख घटक दल शिवसेना औरंगाबाद जिले का नाम बदलकर संभाजीनगर करने के प्रस्ताव पर पीछे हटने को तैयार नहीं है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने औरंगाबाद जिले को संभाजीनगर नाम दिया है इसलिए इस मुद्दे पर समझौता नहीं किया जा सकता है। महाविकास आघाड़ी में शामिल कांग्रेस औरंगाबाद के नाम परिवर्तन का विरोध कर रही है।
नासिक में भाजपा के दो नेताओं पूर्व विधायक वसंत गीते और सुनील बागुल ने शुक्रवार को एक सादे समारोह में शिवसेना की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संजय राउत ने कहा कि औरंगाबाद का नाम बदलने का विरोध कांग्रेस कर रही है, लेकिन वह भी संभाजी राजे से प्रेम करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, औरंगजेब की समर्थक नहीं है। औरंगजेब धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति नहीं था, यह बात भी कांग्रेस के लोग समझते हैं। राउत ने राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह औरंगाबाद का नाम बदलने के मुद्दे पर सिर्फ राजनीति कर रही है। अगर भाजपा को महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम बदलने की इतनी ही फिक्र है तो वह बिहार के औरंगाबाद के बारे में अपनी भूमिका स्पष्ट करे, जहां उसकी गठबंधन सरकार है।
शिवसेना नेता राउत ने कहा कि राज्य सरकार ने विधान परिषद के 12 सदस्यों के मनोनयन के लिए प्रस्ताव राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के पास भेजा है, लेकिन इसे अब तक मंजूरी नहीं दी गयी है। उन्होंने राज्यपाल पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यपाल को संविधान के दायरे में रहकर काम करना चाहिए। इसी तरह केंद्रीय जांच एजेंसियों पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए राउत ने कहा कि भाजपा नेता गिरीश महाजन भी एक घोटाले में आरोपित हैं, लेकिन उन्हें नोटिस जारी नहीं की जा रही है।
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उल्लेखनीय है कि वसंत गीते और सुनील बागुल भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष थे। इन दोनों ने शिवसेना से ही अपना राजनीतिक कैरियर शुरू किया था। वसंत गीते ने 2009 में शिवसेना छोड़कर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के टिकट पर चुनाव लड़ा था और विजयी हुए थे। इसके बाद वसंत गीते और सुनील बागुल भाजपा में शामिल हो गए थे। आज ये दोनों नेता फिर से शिवसेना में शामिल हुए हैं। संजय राउत ने दावा किया कि नासिक के और भी कई नेता शिवसेना में जल्द शामिल होंगे।