नई दिल्लीः जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या से भारत समेत दुनिया सन्न है, पीएम मोदी समेत दुनिया के तमाम नेताओं ने इस हत्या पर दुख और पीड़ा जताई है। पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने भी शिंजो आबे की मृत्यु पर दुख व्यक्त कर उनकी व्यक्तित्व के बारे में बताया, उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि, 2007 में भारत दौरे पर उनकी तबीयत खराब होने के बावजूद उन्होंने किसी को इस बात की भनक तक नहीं लगने दी थी। भारत में 1 दिन के राष्ट्रीय शोक पर भी अश्विनी कुमार ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले को सराहना चाहिए प्रधानमंत्री आबे कोई मामूली व्यक्ति नहीं थे।
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अश्विनी कुमार ने शिंजो आबे की हत्या पर कहा, निर्मम हत्या के बारे में कौन क्या कह सकता है? सिवाय दुख व्यक्त करने के, प्रधानमंत्री आबे जापान के ही प्रधानमंत्री नहीं थे बल्कि भारत के एक अच्छे मित्र भी थे। मेरा उनसे संबंध रहा है और कई बार मुलाकात भी हुई है उनकी सबसे बड़ी बात यह रही कि उनकी विनम्रता और इंसानी अस्मिता के वह मालिक थे। उन्होंने कहा कि, शायद ही दुनिया के इतिहास में ऐसा और कोई उदाहरण मिले जब जापान जैसे शक्तिशाली देश का कोई प्रधानमंत्री एक बार नहीं बल्कि दो बार अपने शक्तिशाली पद से स्वास्थ्य के कारणों से इस्तीफा दे। 2007 में जब पहली बार प्रधानमंत्री आबे हिंदुस्तान आए तो मुझे उनके इस दौरे पर साथ का रहने का मौका पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने दिया उनकी गाड़ी में मैं, पूर्व प्रधानमंत्री आबे और उनकी पत्नी बैठे थे, इसलिए मैंने बहुत नजदीक से उनको देखा है।
जब अगस्त 2007 में जब पार्लियामेंट में उन्होंने भाषण दिया उनकी तारीफ हिंदुस्तान, जापान के अलावा सारी दुनिया में हुई। जैसे ही वह जापान वापस लौटे तब उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया क्योंकि जब आबे भारत में थे तो उनको पेट की तकलीफ थी। पेट की परेशानी से ठीक होने के बाद एक बार फिर वह प्रधानमंत्री पद के लिए लौटे और दूसरी बार भी पेट में तकलीफ होने के कारण उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था और यह कहा था कि मेरा स्वास्थ्य ऐसा नहीं कि मैं अपने देश के लिए काम कर सकूं।
उन्होने आगे कहा, मुझे याद है उनको पेट में बहुत तकलीफ होती थी, उनकी पत्नी उनकी तरफ देखती थीं और हिम्मत बांधती थी, लेकिन कभी उन्होंने तकलीफ का पता नहीं लगने दिया। अश्विनी कुमार ने इस बात का भी जिक्र किया कि, जब वह प्रधानमंत्री नहीं थे तो वह उनसे मुलाकात करने पहुंचें थे और उनके विचारों को सुन उन्होंने एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने की बात उनसे कही थी, जिसपर वह मुस्कराए थे। दरअसल जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की जापान के नारा शहर में तब हत्या कर दी गई जब वे एक चौक पर भाषण दे रहे थे, एक हत्यारे ने उनपर दो गोलियां चलाईं। गोली लगने के तुरंत बाद शिंजो आबे को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर आबे को बचा न सके।
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