शिमला (Shimla): शनिवार को राजधानी शिमला के रिज मैदान पर राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एसओटीओ) हिमाचल प्रदेश द्वारा यूको बैंक और डीडीयू ब्लड बैंक के तत्वाधान में अंगदान के संबंध में एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान 25 लोगों ने रक्तदान किया। इसके अलावा 10 लोगों ने अंगदान के लिए शपथ पत्र भरा। सोटो ट्रांसप्लांट समन्वयक नरेश कुमार ने लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक किया और पंपलेट वितरित कर अंगदान के लिए शपथ पत्र भरने का आग्रह किया।
उन्होंने बताया कि लोग मृत्यु के बाद यानी ब्रेन स्टेम डेथ की स्थिति में भी अपने अंग दान कर जरूरतमंदों की जान बचा सकते हैं। अंगदान करने वाला एक व्यक्ति अपने अंग के जरिए 8 लोगों की जान बचा सकता है। देश में हर दिन हर 17 मिनट में एक मरीज ट्रांसप्लांट के इंतजार में अपनी जान गंवा देता है। कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु कम से कम 18 वर्ष है, वह देश के कानून और नियमों के दायरे में रहकर स्वेच्छा से अपने करीबी रिश्तेदारों को अपने अंग दान कर सकता है।
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कई जिंदगियां बचाने का मौका देता है अंगदान
नरेश कुमार का कहना है कि अंगदान एक महान कार्य है जो हमें मृत्यु के बाद कई जिंदगियां बचाने का मौका देता है। अंगदान को लेकर सही जानकारी के अभाव और भ्रम के कारण ज्यादातर लोग अंगदान से कतराते हैं। इसलिए, अगर लोगों को अंगदान के बारे में पहले से ही पर्याप्त जानकारी हो, तभी ऐसे अवसर जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अंगदान के लिए शपथ पत्र भरना अब आसान हो गया है। सोटो हिमाचल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर कोई भी व्यक्ति घर बैठे कोड स्कैन करके या बीएन ऑर्गन डोनर विकल्प पर जाकर शपथ पत्र भरकर प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकता है। यह प्रक्रिया पूर्णतः निःशुल्क है।
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