Shimla Masjid News, शिमलाः राजधानी शिमला के संजौली क्षेत्र में बनी अवैध मस्जिद का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार को यह मुद्दा विधानसभा में भी उठा। अब इस विवाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी कूद पड़े हैं। ओवैसी ने कांग्रेस सरकार के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर कहा कि वह भाजपा की भाषा बोल रहे हैं और हिमाचल की मोहब्बत की दुकान में सिर्फ नफरत फैलाने वाली टिप्पणी की है।
कांग्रेस के मंत्रियों ने किया पलटवार
ओवैसी की टिप्पणी पर कांग्रेस सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने भी पलटवार किया है। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि सभी जानते हैं कि ओवैसी भाजपा की बी टीम हैं और उनकी राजनीति एक विशेष समुदाय पर आधारित है और हिमाचल प्रदेश में सभी के लिए प्यार है। यहां नफरत के लिए कोई जगह नहीं है। इसलिए ओवैसी को अपने प्रदेश पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां मामला मंदिर या मस्जिद का नहीं, बल्कि वैध और अवैध का है। मंत्री सिंह ने कहा कि संजौली क्षेत्र में बनी मस्जिद अवैध है और यह मामला 2010 से नगर निगम कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसे सदन में उठाया गया है और सरकार भी इसे लेकर गंभीर है।
कानून के दायरे में काम करेगी सरकार
इसे लेकर लोगों में काफी रोष है, क्योंकि बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में लोग शिमला आ रहे हैं, जिनका पुलिस वेरिफिकेशन नहीं होता। इससे सुरक्षा को भी खतरा है और मैंने यह चिंता सदन में जताई है। ओवैसी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। इस मामले में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी ओवैसी के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सभी के लिए प्यार है और नफरत के लिए कोई जगह नहीं है।
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ओवैसी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए बेतुके बयान दे रहे हैं। संजौली मस्जिद मामले में सरकार कानून के दायरे में काम करेगी और शनिवार को नगर निगम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, सरकार उसी आधार पर कार्रवाई करेगी। इससे पहले बुधवार को विपक्षी दल भाजपा ने इस मामले को विधानसभा में उठाया था। जिस पर उन्हें कांग्रेस सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह का भी समर्थन मिला था।