लखनऊ: ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों ने 21 नवंबर को पाकिस्तान के खुर्रम में हुए आतंकी हमले में 100 शिया मुसलमानों की नृशंस हत्या की कड़ी निंदा की है। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद मेहंदी नकवी और महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि इस देश का नाम पाकिस्तान नहीं बल्कि पापिस्तान होना चाहिए।
पाकिस्तान में शिया मुसलमानों का कत्लेआम
अध्यक्ष और महासचिव ने अपने शब्दों में कहा कि चेहलुम-ए-इमाम हुसैन के मौके पर भी पाकिस्तान में शिया मुसलमानों का कत्लेआम किया गया था। उस समय पूरी दुनिया के मुसलमान खामोश थे। जब इजरायल ने फिलिस्तीन में मुसलमानों पर अत्याचार किया तो पूरी दुनिया ने उस घटना की निंदा की, लेकिन जब पाकिस्तान या दुनिया के किसी भी हिस्से में शिया मुसलमानों का कत्लेआम होता है तो मुस्लिम समुदाय भी पूरी तरह से खामोश रहता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मारे गए शिया मुसलमान शहीद हैं।
अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप जरूरीः Shia Personal Law Board
पाकिस्तान की सरकार आतंकवाद पर लगाम लगाने में विफल रही है। सऊदी अरब के पेट्रो डॉलर से पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है। मस्जिदों और इमामबाड़ों में नमाज पढ़ रहे लोगों पर हो रहे हमले बताते हैं कि ये आतंकी इस्लाम की आड़ में पाखंडी हैं। मौलाना यासूब अब्बास ने संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से पाकिस्तान में शिया मुसलमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि शिया मुसलमान पिछले 1400 सालों से आतंकवाद का शिकार हो रहे हैं और अब इस नरसंहार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप जरूरी है।
वहीं शिया धर्मगुरु मौलाना जफर अब्बास ने कहा कि पाकिस्तान में इस तरह की दर्दनाक घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन या संगठन जानवरों से भी बदतर हैं। उनके लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं कि उनकी तुलना किससे की जाए। जिन लोगों की नजर में इंसानियत का कोई महत्व नहीं है, वे पूरी दुनिया के लिए खतरा हैं।
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शिया हुसैनी फंड के सचिव हसन मेहंदी ने कहा कि हम पिछले कई सालों से पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इसके लिए हम यूएनओ और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख रहे हैं। यूएनओ और भारत को पाकिस्तान में शिया समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
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