लखनऊ: बांग्लादेश में हिंदू धार्मिक स्थलों और सनातनियों पर हो रहे हमलों को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। इस पर नाराजगी जताते हुए शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ जी महाराज (Shankaracharya Swami Adhokshajanand Devtirth Ji Maharaj) ने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वह बंगाल की संस्कृति के खिलाफ है। वहां की सरकार को बांग्लादेश को देश की तरह चलाना चाहिए।
कट्टरपंथियों से बचाए जाएं धार्मिक स्थलः Shankaracharya
उन्होंने बांग्लादेश सरकार से मांग की है कि बांग्लादेश के हिंदू धार्मिक स्थलों को कट्टरपंथियों से बचाया जाए और गिरफ्तार चिन्मय दास को तुरंत रिहा किया जाए। शंकराचार्य ने सोमवार को बातचीत के दौरान कहा कि बंगाल देश में हमारे सैकड़ों मठ, मंदिर, शक्तिपीठ हैं। वहां निरंतर पाठ होते रहते हैं। भारत से भी सनातनी लोग वहां जाते हैं। मैं भी डेढ़ साल पहले वहां गया था। हम हर जगह गए और यात्रा सफल रही।
तत्काल कार्रवाई करे विदेश मंत्रालयः Shankaracharya
वहां के लोगों ने हमारा बहुत अच्छे से स्वागत किया। स्वागत करने वालों में सभी धर्मों के लोग शामिल थे। इसलिए मैं कहता हूं कि वर्तमान में जो हो रहा है, वह बांग्लादेश की संस्कृति नहीं है। शंकराचार्य ने कहा कि यह कट्टरपंथी कूटनीतिक साजिश का हिस्सा है देश को देश की तरह ही चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय विदेश मंत्रालय से भी कहूंगा कि वह सतर्क रहे और तत्काल कार्रवाई करे। स्वामी जी ने कहा कि बांग्लादेश सरकार को चिन्मय दास को तुरंत रिहा करना चाहिए। वह बहुत अच्छे संत हैं। वह समाज का कल्याण कर रहे हैं।
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उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ कट्टरपंथियों के हमले बढ़ रहे हैं। इस्कॉन मंदिर के संत चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद दो अन्य पुजारियों को भी गिरफ्तार किया गया है। इसका भारत के साथ-साथ बांग्लादेश में भी विरोध हो रहा है।
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