Uncategorized

अद्भुत: शनि शिंगणापुर गांव में घरों पर ही नहीं, बैंकों में भी नहीं लगते हैं ताले

shani-sringnapur_11_335_compressed

पुणे: यह किसी सतयुग या द्वापर युग की बात नहीं है, बल्कि अहमदनगर जिले के शिरडी से कुछ ही दूरी पर स्थित शनि शिंगणापुर गांव है, जहां शनिदेव का लोकप्रिय मंदिर है जो देशभर के लोगों में बेहद प्रसिद्ध है। यह छोटा सा गांव है जो इस बात के लिए भी प्रसिद्ध है कि पूरे गांव में किसी भी घर में दरवाजे नहीं हैं, बावजूद यहां चोरी नहीं होती। यहां तक कि यहां स्थित राष्ट्रीयकृत बैंकों के भी ताले नहीं लगते हैं।

शनि शिंगणापुर गांव की पहचान इस मंदिर के कारण विश्व स्तर पर हो चुकी है। इस गांव के घरों में दरवाजे और ताले नहीं लगाए जाते हैं। लोगों में अपने देव को लेकर इतना विश्वास बन गया है कि गांव में चोरी नहीं होती। यहां तक कि गांव में स्थित राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखाओं के भी दरवाजे पर ताले नहीं लगाए जाते हैं। मान्यता बन चुकी है कि शनिदेव द्वारा सुरक्षित गांव में चोर चोरी नहीं कर सकते और जो कोई ऐसा प्रयास करता है उसे दैवीय दंड मिल जाता है।

लोगों की मान्यता -

यहां स्थित शनिदेव के इस मंदिर को लेकर आमजन में यह मान्यता है कि यह मंदिर आज भी सजीव मंदिर है। यानी इस मंदिर के देवता अभी भी यहां मौजूद हैं और वह इस काले पत्थर में विराजित हैं। कहा जाता है कि भगवान शनि स्वयं पृथ्वी पर अवतरित हुए थे और इस काली मूर्ति के रूप में प्रकट हैं।

ये भी पढ़ें..

सारा आकाश शनिदेव की छत -

इस गांव में भगवान शनि की मूर्ति खुले आसमान के नीचे है। इसके पीछे कहानी यह बताई गई कि जब मूर्ति चरवाहों को मिली उस रात भगवान शनि एक चरवाहे के सपने में प्रकट हुए और उसे मूर्ति की पूजा करने और पूजा करने के तरीकों के बारे में बताया। तब चरवाहे ने भगवान शनि से पूछा कि क्या उन्हें मूर्ति के लिए मंदिर बनाना चाहिए। इस पर शनिदेव ने जवाब दिया कि छत की कोई आवश्यकता नहीं है, सारा आकाश मेरी छत है। यही कारण है कि भगवान शनि की काली प्रतिमा आज भी खुले आसमान के नीचे है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)