प्रदेश विशेष हरियाणा

वृद्धाश्रम में मिले दो बुजुर्ग और कर ली शादी, लोगों की आपत्ति के बावजूद ऐसे बने एक दूसरे का सहारा

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फरीदाबाद: कहते हैं प्यार उम्र का मोहताज नहीं होती। इस धारणा को दो बुजुर्गों ने सच कर दिखाया है। फरीदाबाद के वृद्धाश्रम में खाने की टेबल पर दोनों के दिल ऐसे मिल गए कि जीवन भर साथ निभाने का वादा कर लिया और वैवाहिक बंधन में बंध गए। दोनों अब करवा चौथ के दिन एक-दूसरे के लिए व्रत रखेंगे।

हम बात कर रहे हैं 68 वर्षीय सविता और 62 वर्षीय विजय खुराना की, जो फरीदाबाद के गांव पाली के श्री अनादि सेवा प्रकल्प आश्रम में रह रहे हैं। परिवार से अकेले होने के कारण सहारे के लिए वृद्धाश्रम आए थे और अब एक-दूसरे का सहारा बन गए हैं। चार अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि के नवमी के दिन वृद्धाश्रम के मंदिर में पंडित आचार्य अरुण कुमार ने इनका विवाह संपन्न कराया। इनके विवाह में श्री अनादि सेवा प्रकल्प के संस्थापक प्रणव शुक्ला के साथ वृद्धाश्रम के कई बुजुर्ग सम्मलित हुए। सविता इस आश्रम में करीब दो महीने पहले आईं थीं। मुंबई की मूल निवासी सविता के पति का करीब 10 वर्ष पहले निधन हो गया था। इनके कोई संतान नहीं है। जीवन परेशानियों भरा रहा, तो पति के निधन के बाद कई वर्षों तक मथुरा और गुरुग्राम के वृद्धाश्रम में सहारा मिला। बाद में इन्हें गांव पाली के वृद्धाश्रम के बारे में जानकारी मिलीं, तो यहां आ गईं।

सविता बताती हैं कि वृद्धाश्रम में टेबल पर सब लोग मिलजुल कर खाना खाते हैं। यहां विजय खुराना पहले से रह रहे थे। इस दौरान उनकी विजय खुराना से टेबल पर खाते-खाते बातचीत होती रहती थी। एक-दूसरे के बारे में हालचाल लेने लगे। घर-परिवार से मैं भी अकेली थी और वो भी अकेले। जब कभी विजय बीमार होते थे, तो मैं कभी-कभी उनका हालचाल लेने को उनके पास बैठ जाती थी। वृद्धाश्रम में रहने वाले कई लोग इस पर आपत्ति जताने लगे थे। विजय के स्वभाव और विचारों से मैं प्रभावित थीं। मैंने उनके आगे अपने दिल की बात रखी और कहा कि अगर हम विवाह कर लें, तो एक-दूसरे को सहारा मिल जाएगा। लोगों की बातों से भी बच जाएंगे। उन्होंने हामी भर दी। इसके बाद हम दोनों ने वृद्धाश्रम के संस्थापक प्रणव शुक्ला के आगे अपने दिल की बात रखी। इसके बाद हमने वृद्धाश्रम के मंदिर में विवाह कर लिया। अब तो वृद्धाश्रम ही मेरा मायका-ससुराल है।

मूल रूप से हिसार के रहने वाले विजय लगभग 25 वर्ष पहले किन्हीं कारणों से पत्नी से अलग हो गए थे। काम के सिलसिले में पहले कई वर्ष दिल्ली में रहे। अब दो वर्षों से वृद्धाश्रम में रह रहे हैं। वृद्धाश्रम में 21 पुरुष और 16 महिलाएं हैं। वृद्धाश्रम में इस तरह से रह रहे बुजुर्गों के विवाह का पहला मामला है। अब दम्पति ने करवा चौथ की तैयारी की है। दोनों ने कहा कि अब वे एक-दूसरे की मंगल कामना और लम्बी उम्र के लिए करावा चौथ का व्रत रखेंगे।

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