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वैज्ञानिकों ने विकसित किया विस्फोटकों का तेजी से पता लगाने वाला सेंसर, निभाएगा महत्वपूर्ण भूमिका

BSF foiled a Maoist attack bid during a routine combing op and recovered explosives dumped in Kadalibandha forest

नई दिल्लीः भारतीय वैज्ञानिकों ने पहली बार बड़े विस्फोटकों में उपयोग में आने वाले नाइट्रो-एरोमैटिक रसायनों का तेजी से पता लगाने के लिए थर्मली स्थिर और अपेक्षाकृत सस्ते प्रभावी इलेक्ट्रॉनिक पॉलीमर-आधारित सेंसर विकसित किया है।

सेंसर से विस्फोटकों को नष्ट किए बिना उनका पता लगाना सुरक्षित हो जाएगा। सेंसर आपराधिक जांच, माइनफील्ड रिमेडिएशन, सैन्य उपयोग, गोला-बारूद ठिकाने लगाने और सुरक्षा उपयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार इसे ‘अडवांस स्टडी इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेकनॉलोजी (गुवाहाटी) के डॉ नीलोत्पल सेन सरमा के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने परत दर परत विकसित किया है। टीम ने भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित नई प्रौद्योगिकी के लिए एक पेटेंट दायर किया है।

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विस्फोटक पॉली-नाइट्रोएरोमैटिक यौगिकों का विश्लेषण आमतौर पर परिष्कृत साधन तकनीकों द्वारा किया जा सकता है। अपराध विज्ञान प्रयोगशालाओं या दोबारा हासिल किए गए सैन्य स्थलों में त्वरित निर्णय लेने या चरमपंथियों के कब्जे में विस्फोटकों का पता लगाने के लिए अक्सर सरल, सस्ते और क्षेत्र विशेष तकनीक की आवश्यकता होती है।

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