छत्तीसगढ़

बड़ों ने ली बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी, स्कूल के लिए ईटें बना रहीं माताएं हुईं सम्मानित

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धमतरी: आदिवासी विकासखंड नगरी के सुदूर अंचल बोराई संकुल में स्थित प्राथमिक शाला बुडरा में सामुदायिक सहभागिता से शिक्षा के स्तर को उंचा उठाने का प्रयास हो रहा है। यहां 82 कच्चे पक्के मकान में रहने वाले 411 की जनसंख्या वाले इस गांव ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नया इतिहास लिखने का संकल्प लिया है। शनिवार को डाइट की ओर से विद्यालय (school) के लिए ईंट निर्माण में लगी हुई माताओं का फील्ड में सम्मान किया गया।

21 अप्रैल व 29 अप्रैल को डाइट के प्राचार्य, वीपी चन्द्रा, संकाय सदस्य केएस ध्रुव, जोहन नेताम ने संयुक्त रूप से इस विद्यालय (school) की मानिटरिंग कर बच्चों के सीखने-सिखाने का अध्ययन किया। इसी दौरान इन्होंने पालकों से "विद्यालय व बच्चों के विकास में पालकों की भूमिका" पर लंबी बातचीत की थी। शिक्षकों की बातों से प्रभावित पालकों ने वहीं संकल्प लिया कि वे अपने विद्यालय (school) को न केवल बेहतर बनाएंगे अपितु वे बच्चों को भी बेहतर शिक्षा देने में जिम्मेदारी निभाएंगे। सर्वप्रथम इन्होंने ग्रीष्म कालीन विद्यालय (school) संचालन का संकल्प लिया। इसकी जिम्मेदारी ली 62 वर्षीय राजाराम नेताम ने। इन्होंने विद्यालय का नियमित संचालन किया। इनके समर्पण को देखकर कन्हैया नेताम, नर्सिका नेताम, रीना नेताम, शिव मंडावी ने भी प्रतिदिन विद्यालय में उपस्थिति दी।

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पालकों की सीधी भागीदारी से आज बच्चों का स्तर बढ़ गया है। इधर, राधिका, नेताम, नीराबाई, कुमारी सलाम, सुलोचना सलाम, उत्तरा नेताम ने गांव में घूम घूमकर लोगों को रात्रि में मीटिंग के लिए आमंत्रित किया। इनके उत्साह को देखकर विजय नेताम, शिव यादव, कन्हैया नेताम ने भी इनका साथ दिया। बैठक में तय हुआ कि स्कूल के लिए चारों ओर दीवार का निर्माण जरूरी है। इसके लिए गांव के सभी के सहयोग से ईंट निर्माण का प्रस्ताव रखा गया। पूरे गांव को आठ समूह में बांटकर 2-2 समूह को दो दिन तक ईंट बनाने की जिम्मेदारी दी गई। इसमें महिला पुरुष दोनों को शामिल किया गया। 22 मई से ईंट बनाने का काम अनवरत जारी है। इसके लिए पालकों ने ट्रैक्टर का इंतजाम कर रेत की व्यवस्था की। राधिका नेताम ने ईंट बनाने के लिए अपने जमीन की मिट्टी दी। आज लगभग 10 हजार ईंट का निर्माण इन आदिवासी पालकों ने कर लिया गया है। पूरे वर्ष भर विद्यालय में शैक्षिकेत्तर गतिविधियों के लिए राशि की व्यवस्था भी करेंगे। इसके अतिरिक्त बच्चों के लिये शिक्षण अधिगम सामग्री की व्यवस्था भी करेंगे।

कारीपानी के पालक भी हो रहे प्रेरित

बुडरा के पालकों का विद्यालय (school) के प्रति लगन एवं समर्पण को देखकर इनके कार्यों से प्रभावित होकर कारीपानी के लोगों ने बुडरा की शैक्षिक गतिविधि एवं ईंट निर्माण की प्रक्रिया को समझने के लिए बुडरा के लोगों से मुलाकात की। कारीपानी से कुमारी नेताम, सगाबाई सामरथ, सुकमन नेताम, देवेंद्र सामरथ, रत्ताराम मंडावी, गीतेश यादव, द्वारिका प्रसाद व अन्य लोग प्रेरणा लेकर अपने गांव को भी श्रेष्ठ बनाने के लिए तैयार हो रहे हैं। द्वारिका प्रसाद एवं वार्ड पंच ओमप्रकाश नेताम ने डाइट प्राचार्य डाॅ. वीपी चन्द्रा, संकाय सदस्य कंजन सिंह ध्रुव एवं जोहन नेताम, बोराई की सरपंच किरणदेवी भोयर की उपस्थिति में बुडरा के लोगों से बातचीत कर कारीपानी विद्यालय (school) के लिए ईंट बनाने का संकल्प लिया। आज डाइट की ओर से विद्यालय (school) के लिए ईंट निर्माण में लगी हुई माताओं का फील्ड में सम्मान किया गया। पालकों में दोगुने उत्साह का संचार हुआ है।

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