नई दिल्लीः सबसे बड़े लोकतंत्र वाले देश में सबसे बड़े महापर्व को लेकर चंद दिनो में चुनावी बिगुल बजने वाला है। लेकिन इस बीच चुनावी बॉन्ड मामले को लेकर SBI को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है।
सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने SBI से 12 मार्च तक चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने को कहा है। बता दें कि एसबीआई ने एक याचिका दायर कर भारत के चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड का विवरण जमा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की एक ना सुनी और उसको इस मसले पर जमकर लताड़ा लगाई है और 12 मार्च को ऑफिस समय समाप्त होने तक चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने का आदेश दिया है।
उच्च न्यायालय ने एसबीआई को लगाई फटकार
बता दें कि आज सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ‘आप (एसबीआई) कह रहे हैं कि दानदाताओं और राजनीतिक पार्टियों की जानकारी सील कवर के साथ एसबीआई की मुंबई स्थित मुख्य शाखा में है। मैचिंग प्रक्रिया में समय लगेगा, लेकिन हमने आपको मैचिंग करने के लिए कहा ही नहीं था और हमने सिर्फ स्पष्ट डिस्कलोजर मांगा था।
मामले पर सुनवाई कर रही संविधान पीठ के सदस्य जस्टिस खन्ना ने एसबीआई के वकील हरीश साल्वे से कहा कि ‘आपने बताया कि इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी एक सील कवर लिफाफे में रखी गई है तो ऐसे में आपको सिर्फ सील कवर खोलकर जानकारी देनी है।’ सीजेआई ने एसबीआई को फटकार लगाते हुए कहा कि ‘हमने 15 फरवरी को आदेश दिया था और आज 11 मार्च है। ऐसे में बीते 26 दिनों में आपने क्या किया? यह बताया जाना चाहिए कि यह काम हुआ है और अब हमें और समय चाहिए…हम एसबीआई से स्पष्टवादिता की उम्मीद करते हैं।’
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की योजना
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में, चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। इसी कड़ी में योजना को तुरंत बंद करने का आदेश देते हुए, कोर्ट ने कहा कि योजना के तहत अधिकृत बैंक एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था।
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साथ ही, आयोग को अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक यह जानकारी प्रकाशित करने को कहा था। एसबीआई ने 4 मार्च को, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाये गए चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। लेकिन आज उसको वहां से झटका लगा है। अब आने वाला वक्त ये तय करेगा कि आगे क्या होगा।
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