Friday, January 17, 2025
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Sawan 2024: सावन में 70 साल बाद अद्‌भुत संयोग, शुभ मुहूर्त में ऐसे करें महादेव की पूजा

Sawan 2024: सावन का पवित्र महीना आज से शुरू हो रहा है। वैसे तो सनातन धर्म में पूरे सावन महीने का बहुत महत्व है। पूरे महीने भगवान शिव की पूजा-अर्चना, स्तुति और जलाभिषेक किया जाता है। उसमें भी सावन महीने में पड़ने वाले सोमवार का अपना विशेष महत्व होता है। इस बार सवान पर ऐसा दुर्लभ संयोग 70 साल बाद बना है, जब सावन माह की शुरुआत और समाप्ति दोनों ही सोमवार को हो रही है।

Sawan 2024: 70 साल बाद बना दुर्लभ

इस बार Sawan में ऐसा दुर्लभ संयोग करीब 70 साल बाद देखने को मिल रहा है, जिसमें पहला सोमवार 22 जुलाई और आखिरी सोमवार 19 अगस्त को पड़ेगा। इससे पहले साल 1953 में ऐसा दुर्लभ संयोग बना था। साथ ही इस बार सावन में 6 शुभ योग बन रहे हैं। इस बार सावन महीने में पांच सोमवार होंगे। वहीं सावन के पहले ही दिन सोमवार और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।

इस योग में सावन की शुरुआत होना बहुत शुभ माना जाता है। सर्वार्थ सिद्धि योग में सावन सोमवार का व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी। सर्वार्थ सिद्धि योग में रुद्राभिषेक और व्रत करने से इच्छित व्यक्ति को मनचाहा फल मिलेगा। पहले सोमवार को प्रीति, आयुष्मान और सर्वार्थ सिद्धि योग भी सावन महीने की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं।

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सावन के सोमवार को महादेव की पूजा कैसे करें ?

वैसे तो सनातन धर्म में पूरे सावन महीने का बहुत महत्व है। लेकिन सावन के हर सोमवार का अपना अलग महत्व होता है। को व्रत रखें। सावन के हर सोमवार को सुबह शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाएं। जल चढ़ाने के लिए तांबे के बर्तन का इस्तेमाल न करें। भगवान को फल, फूल, मिठाई, धूप और कपूर चढ़ाएं। हर सुबह शिव पंचाक्षर स्तोत्र या शिव मंत्र का जाप करें। इसके बाद ही जलपान या फलाहार ग्रहण करें। अगर आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो सावन का महीना इसके लिए सबसे उपयुक्त है।

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महादेव की पूजा का शुभ मुहूर्त

  • अमृत (सर्वोत्तम)- सुबह 5.37 से 7.20 तक
  • शुभ (उत्तम)- सुबह 9.2 मिनट से 10. 45 तक
  • शाम का मुहूर्त- शाम 5.35 से रात 08.35 तक

Sawan 2024: सावन महीना क्यों है खास

गौरतलब है कि सावन के पहले सोमवार को सुबह से ही देश भर के विभिन्न प्राचीन शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। सभी छोटे-बड़े शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और जल चढ़ाकर और पूजा-अर्चना कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने में जुटे हुए हैं। कहते हैं कि बाबा भोलेनाथ बहुत ही जल्दी प्रसन्न होने वाले भगवान की श्रेणी में आते हैं। खासकर महिलाएं इस दिन व्रत और पूजा करके भगवान महाकाल को प्रसन्न करने का प्रयास करती हैं।

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भगवान शंकर की पूजा में जलाभिषेक के साथ ही बेलपत्र, शमी पत्र, पुष्प आदि चढ़ाए जाते हैं और भस्म लगाई जाती है। कहते हैं कि जो भी भक्त सावन माह में सोमवार का व्रत रखता है भगवान शंकर उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इतना ही नहीं इस माह में लाखों की संख्या में भक्त हरिद्वार, काशी, उज्जैन, नासिक सभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने पहुंचते हैं। इतना ही नहीं इस माह में शिव भक्तों द्वारा कावड़ यात्रा निकाली जाती है और लाखों शिव भक्त कावड़ लेकर पैदल ही विभिन्न तीर्थ स्थलों पर पहुंचते हैं। सावन माह में तीन प्रकार के व्रत रखे जाते हैं जिनमें सावन सोमवार का व्रत, 16 सोमवार का व्रत और प्रदोष व्रत प्रमुख हैं।

Sawan 2024: सावन के महीने की महिमा

सावन का महीना हिंदुओं के पवित्र चातुर्मास में से एक माना जाता है। यह महीना पूरी तरह से भगवान शिव से जुड़ा हुआ है। इसी महीने में समुद्र मंथन हुआ था और भगवान शिव ने हलाहल विष पिया था। विष पीने के बाद भयंकर विष को शांत करने के लिए भक्त इस महीने में भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि पूरे साल पूजा-अर्चना करने से जो फल मिलता है, वह केवल सावन में पूजा-अर्चना करने से ही मिल सकता है। यह महीना विशेष रूप से तप, साधना और आशीर्वाद पाने के लिए शुभ होता है।

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