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इटारसी से पकड़ा गया फर्जी भर्ती काण्ड में फरार संजय दुबे, इन मामलों में होगी पूछताछ

बैतूलः स्वास्थ्य विभाग में फर्जी तरीके से भर्ती किए जाने का मामला और एक लिपिक द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद सुसाइड नोट में नाम लेने के बाद से फरारी काट रहे सहायक ग्रेड 2 संजय दुबे को अंतत: पुलिस ने इटारसी में पकड़ लिया है। मामले में संजय दुबे को धोखाधड़ी सहित लिपिक की मौत के मामले में आरोपित बनाया गया है। पुलिस पूछताछ के बाद अन्य खुलाए हो सकते हैं।

एसडीओपी नितेश पटेल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में फर्जी तरीके से भर्ती किए जाने का मामला सामने आने के बाद से फरार चल रहे धोखाधड़ी के आरोपित स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 संजय दुबे को पुलिस ने सोमवार की रात को इटारसी से गिरफ्तार किया है। पुलिस आरोपित को बैतूल लेकर आई है। यहां उससे भर्ती और सीएमएचओ कार्यालय के कर्मचारी द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में पूछताछ की जा रही है।
कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग में रुपये लेकर फर्जी तरीके से भर्ती किए जाने का मामले की पुलिस ने जांच शुरू की थी, तभी से सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 संजय दुबे फरार हो गया था।

लिपिक ने सुसाइड नोट में लिखा था दुबे का नाम

फर्जी तरीके से भर्ती मामले में सीएमएचओ कार्यालय के ही सहायक गे्रड-3 सुंदरलाल पवार से पुलिस ने पूछताछ की। पुलिस द्वारा बार-बार पूछताछ के लिए बुलाए जाने से आहत सुंदरलाल पवार 30 जून को पुराने जिला अस्पताल परिसर में स्थित हनुमान मंदिर के सामने सल्फास खा लिया जिसे उपचार के लिए जिला अस्पताल भर्ती किया था जहां उपचार के दौरान सुंदरलाल पवार की मौत हो गई।

पवार ने अपने सुसाइड नोट में संजय दुबे द्वारा फर्जी भर्ती मामले में जबरन फंसाए जाने की बात लिखी थी। पुलिस ने एक्सपर्ट से सुसाईड नोट की हैंडराइटिंग की जांच की गई इसके बाद संजय दुबे पर धारा 420, 468 और 71 के तहत मामला दर्ज किया गया।

की जाएगी पूछताछ

पुलिस काफी दिन से संजय दुबे की तलाश कर रही थी। मुखबिर की सूचना के आधार पर बैतूल से पुलिस की टीम इटारसी के लिए रवाना हुई और घेराबंदी करते हुए सोमवार देर रात को संजय दुबे को गिरफ्तार किया गया।

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