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अखिलेश के बयान पर संत राजेंद्र दास का पलटवार, कहा-लाखों हिंदूओं को मरवाने वालों को इस विषय में बोलने का अधिकार नही

लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा श्रीराम जन्म भूमि निधि समर्पण अभियान को ‘चंदाजीवी’ कहे जाने से संत समाज आक्रोशित हो गया है। अखिल भारतीय निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास ने तो आक्रोश में सपा अध्यक्ष को ‘बाबरजीवी’ तक कह डाला है। संत समागम के लिए मथुरा पहुंचे श्रीमहंत राजेंद्र दास ने अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार करते हुए उन्हें गजनी की याद दिलाई और कहा कि गजनी ने हजारों-लाखों हिंदुओं को मरवाया था। इसके बाद अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव ने भी श्रीराम मंदिर आंदोलन में कई हिंदुओं को मरवा दिया था। ऐसे में ये सब गजनी परिवार के ही हैं। इनको हिंदू संस्कृति और राम मंदिर या चंदा के विषय में बोलने का अधिकार ही नहीं है। ये केवल मौलवियों के विषय में बोलें, उनका पक्ष रखें।

उधर, राम नगरी अयोध्या में हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने भी सपा मुखिया को बाबरजीवी कहा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अभी भी होश में आ जायें नहीं तो संत और राम भक्त उन्हें कभी भी माफ नहीं करेंगे और दोबारा सत्ता में नहीं आ पायेंगे। महंत राजू दास ने कहा कि अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव की सरकारों ने हिंदू जनमानस और मठ-मंदिरों को जिस तरह से प्रताड़ित किया था, वह आज भी सभी को याद है। अखिल भारतीय पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत गौरीशंकर दास ने भी अखिलेश यादव को कड़ी नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि कारसेवकों पर गोली चलाने वाले लोगों का बयान कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा।

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उन्होंने कहा कि उस समय की मुलायम सरकार हत्यारी सरकार थी। हम उस पीड़ा से अभी भी उबर नहीं पाये हैं। मंदिर निर्माण के साथ करोड़ों राम भक्तों की अभिलाषा अब पूर्ण हो रही है। ऐसे में अखिलेश यादव को इस तरह के बयान से अब परहेज करना चाहिए। गौरतलब है कि लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को श्रीराम जन्म भूमि निधि समर्पण अभियान का नाम लिए बगैर इस कार्यक्रम पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि मैं उन लोगों को क्या कहूं जो लगातार चंदा लेने को निकल जाते हैं, क्या वे चंदाजीवी संगठन के सदस्य नहीं हैं।

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