Jaishankar Pakistan visit, नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान जा रहे हैं। उन्होंने पड़ोसी देश की अपनी आगामी यात्रा के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह की बातचीत की संभावना से इनकार किया है। जयशंकर ने माना कि दोनों देशों के बीच संबंधों की प्रकृति को देखते हुए उनकी पाकिस्तान यात्रा पर मीडिया का खूब ध्यान रहेगा, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यह यात्रा किसी बातचीत के लिए नहीं है।
इलामाबाद रवाना होने से पहले जयशंकर की दो टूक
विदेश मंत्री ने कहा, “यह (यात्रा) एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए होगी। मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं। मैं एससीओ के एक अच्छे सदस्य के तौर पर वहां जा रहा हूं। आप जानते हैं, मैं एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हूं, इसलिए मैं उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा।” पाकिस्तान 15 और 16 अक्टूबर को एससीओ शासनाध्यक्ष परिषद (सीएचजी) की बैठक की मेजबानी कर रहा है।
अपनी यात्रा के बारे में विस्तार से बताते हुए जयशंकर ने कहा, “मैं इस महीने पाकिस्तान जा रहा हूं। यह यात्रा एससीओ शासनाध्यक्षों की बैठक के लिए है। आम तौर पर, प्रधानमंत्री राष्ट्राध्यक्षों के साथ उच्च स्तरीय बैठक के लिए जाते हैं। इस साल यह बैठक इस्लामाबाद में हो रही है क्योंकि पाकिस्तान इस समूह का नया सदस्य है।”
आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस द्वारा आयोजित सरदार पटेल व्याख्यान में जयशंकर ने पाकिस्तान पर उसकी आतंकी गतिविधियों को लेकर परोक्ष हमला भी किया। विदेश मंत्री ने कहा, “आतंकवाद ऐसी चीज है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। हमारा एक पड़ोसी आतंकवाद का समर्थन करना जारी रखता है। यह क्षेत्र में हमेशा नहीं चल सकता। यही कारण है कि हाल के वर्षों में सार्क की कोई बैठक नहीं हुई है।”
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एक दशक बाद यह पहला पाकिस्तान दौरा
गौरतलब है कि करीब एक दशक में यह पहली बार है जब देश के विदेश मंत्री पाकिस्तान का दौरा करेंगे। दोनों देशों के बीच संबंध खासे तनावपूर्ण रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण पाकिस्तानी धरती से संचालित आतंकवादी गतिविधियां हैं।