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Russia-Ukraine War: 'ऑपरेशन गंगा' के तहत यूक्रेन से 240 छात्रों को लेकर एयर इंडिया की तीसरी फ्लाइट दिल्ली पहुंची

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नई दिल्लीः युक्रेन -रूस के बीच लगातार जंग जारी है, इस जंग में भारत के करीब 15 हजार भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। एक तरफ जहां इस युद्ध से डरे यूक्रेन के लोग अपने पड़ोसी देशों में शरण ले रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भारत यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने की पूरी कोशिश कर रहा है। भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय छात्रों की वापसी का सिलसिला जारी है। सबसे पहले यात्रियों के साथ एआई-192 विशेष सेवा - यूक्रेन में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले 250 भारतीय छात्र-छात्राएं करीब सुबह 3 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे। वहीं अब बुडापेस्ट (हंगरी) से 240 भारतीय नागरिकों को लेकर तीसरी फ्लाइट दिल्ली पहुंच गई है। इससे पहले ही 219 भारतीय शनिवार की रात रोमानिया के बुखारेस्ट से एयर इंडिया की पहली निकासी उड़ान से पहुंचे।

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New Delhi :A student who was part of the 2nd batch of Indian nationals evacuated from war-torn Ukraine, talks to the media upon her arrival at the IGI Airport, in New Delhi, early Sunday, Feb. 27, 2022. Air India's Second evacuation flight from Romanian Capital Bucharest carrying 250 Indian nationals who were stranded in Ukraine landed at the airport in the early hours of February 27.(Photo: Anupam Gautam/IANS)

एयरपोर्ट में छात्रों का हुआ स्वागत

उधर दिल्ली में जब परिजनों को इस बात की जानकारी मिली कि उनके बच्चे हवाई अड्डे पर पहुंच चुके हैं तो उन्होंने राहत की सांस ली। यह युद्ध प्रभावित यूक्रेन से आने वाले लोगों का तीसरा जत्था है और अगले कुछ दिनों में कई और एयरलिफ्टिंग ऑपरेशन की उम्मीद है। हवाई अड्डे के बाहर बच्चों के लिए अलग अलग राज्यों के हेल्प डेस्क लगाए गए हैं, ताकि यदि किसी राज्य के बच्चे को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचना हो तो राज्य सरकारें अपने अपने राज्य के छात्रों को मदद कर सके।

वहीं दिल्ली पहुंचे केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने बुखारेस्ट (रोमानिया) के रास्ते यूक्रेन से सुरक्षित निकाले गए भारतीय नागरिकों का हवाईअड्डे पर स्वागत किया। इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय नागरिकों के साथ बातचीत भी की। एक भारतीय छात्र ने कहा, "छात्र डरे हुए हैं लेकिन यूक्रेन के अन्य क्षेत्रों की तुलना में जिस शहर में हम रह रहे थे (रोमानिया सीमा के पास) वहां स्थिति काफी बेहतर है।" भारतीय छात्र आतिश नागर ने कहा, "10,000 से ज़्यादा भारतीय छात्र वहां फंसे हुए हैं, हम चाहते हैं कि उन्हें भी जल्द भारत लाया जाए। सरकार से हमें उम्मीद है कि वे जल्द उन्हें भी यहां ले आएंगे।"

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