नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उस बयान को लेकर निशाना साधा है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री से शिकायत की थी कि वो कोविड संकट को लेकर फोन कॉल के दौरान उनकी बात नहीं सुनते। गुरुवार को मोदी ने कोविड स्थिति को लेकर झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों से बात की थी। सोरेन ने गुरुवार आधी रात को प्रधानमंत्री के साथ टेलीफोन पर बातचीत के बारे में ट्वीट किया और भाजपा की आलोचना की।
सोरेन ने 11.19 बजे ट्वीट किया, “आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने आज केवल अपने ‘मन की बात’ की। यह बेहतर होता कि वे काम करने की बात करते और काम की बात सुनते।” एक घंटे के भीतर, असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा, “आपका ट्वीट ना केवल बुनियादी गरिमा के खिलाफ है, बल्कि राज्य के लोगों की पीड़ा का मजाक उड़ाने के लिए भी है, जिनके बारे में जानने के लिए प्रधानमंत्री ने आपको फोन किया था। आपने मुख्यमंत्री पद की गरिमा को कम किया है।”
यह कहते हुए कि झारखंड के मुख्यमंत्री अपने बयान से पीछे हटेंगे, नागालैंड के मुख्यमंत्री, नेफिउ रियो ने ट्वीट किया, “कई शब्दों के लिए एक मुख्यमंत्री के रूप में मेरे अनुभव में, माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा राज्यों, विशेष रूप से पूर्वोत्तर की चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहे हैं। मैं हेमंत सोरेन से असहमत हूं और मुझे उम्मीद है कि वह अपने बयान से मुकर जाएंगे।”
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट किया, “हेमंत सोरेन एक असफल मुख्यमंत्री हैं। शासन में विफलता। राज्य में कोविड से निपटने में विफल। लोगों की सहायता करने में विफल। अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए वह कार्यालय का संचालन करते हैं। हेमंत सोरेन उठो। घड़ी की सूई टिक टिक कर रही है।”
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भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष ने ट्वीट कर कहा, ‘ यह वो स्तर है जिस पर कुछ राजनेता रुक रहे हैं। पीएम ने कॉल किया और कोविड संकट के बारे में विस्तृत बातचीत की और यह मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया। इस स्थिति के लिए न्यूनतम अनुग्रह की आवश्यकता है। ‘