रायपुरः छत्तीसगढ़ में ईडी ने बड़ा खुलासा किया है। ईडी ने छापेमारी के बाद 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले के मामले से पर्दा उठाया है। प्रवर्तन निदेशालय के दावे के अनुसार, ‘अभूतपूर्व भ्रष्टाचार और 2 हजार करोड़ रुपये के मनी लाॅन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। राज्य में शीर्ष राजनेताओं व नौकरशाहों के ‘समर्थन’ से यह काला कारोबार चलाया जा रहा था।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में ईडी ने शनिवार को रायपुर के मेयर व कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर को गिरफ्तार कर चुकी है। अनवर को ईडी ने रायपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया था, जिसे चार दिनों के लिए ईडी की हिरासत (ED custody) में भेज दिया गया है।
जांच में मिले भ्रष्टाचार के सबूत : ED
रविवार को ईडी ने बयान जारी करते हुए कहा कि ‘जांच एजेंसी ने 2019 से 2022 के बीच 2 हजार करोड़ रुपये के बड़े भ्रष्टाचार व मनी लाॅन्ड्रिंग के सबूत एकत्र किए हैं। जांच में पता चला है कि अनवर ढेबर आला दर्जे के राजनीतिक शख्सियतों व वरिष्ठ अधिकारियों के लिए काम करता था। उसने घोटाले को अंजाम देने के लिए एक नेटवर्क तैयार किया, ताकि छत्तीसगढ़ में बेची जाने वाली शराब की हर बोतल से अवैध रूप से धन जमा किया जा सके।’
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आपराधिक सिंडिकेट चला रहा था अनवर –
ईडी ने यह भी दावा किया कि अनवर ढेबर के नेतृत्व में राज्य में एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट चल रहा था। अनवर ढेबर ने राजनीतिक अधिकारियों के समर्थन से छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड के सहायक आयुक्त व प्रबंध निदेशक को भी मैनेज करने में सफल हुआ। अपने मनमुताबिक काम करने के लिए उसने कुछ करीबियों को भी काम पर रखा, जिसमें कई लोगों को अवैध रूप से लाभ मिला।’ ईडी ने कहा कि ‘जांच में सामने आया है कि साल 2019 से लेकर 2022 तक छत्तीसगढ़ में बिकी कुल शराब में से 30 से 40 फीसदी तक अवैध थी।’
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