झुंझुनूः राजस्थान के झुंझुनूं जिले के मुकुंदगढ़ थाना क्षेत्र के कसेरू गांव में बुधवार रात को सेना के रिटायर्ड सूबेदार ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। आत्मदाह से पहले उसने अपने मकान और कार को भी आग के हवाले कर दिया। मृतक के घर में दो पोतियों की शादी की तैयारियां चल रही थीं। मुकुंदगढ़ थाना प्रभारी अभिलाषा ने बताया कि रिटायर्ड सूबेदार सुखदेवाराम (75) घर में अकेले रहते थे।
कार जलती देख लोगों में मची अफरा-तफरी
बुधवार रात को उन्होंने अचानक मकान, कार और खुद के अंदर पेट्रोल डाल लिया। इसके बाद मकान और कार को आग लगाने के बाद खुद को भी आग लगा ली। आसपास के लोगों ने कार को जलता देखा तो अफरा-तफरी मच गई। लोगों की सूचना पर हेड कांस्टेबल मुकेश कुमार मौके पर पहुंचे। मौके पर दमकल को बुलाया गया। आग बुझाने के बाद अंदर गए तो रिटायर्ड सूबेदार वहां पड़े थे। उन्हें गंभीर हालत में मुकुंदगढ़ अस्पताल ले जाया गया। जहां से देर रात उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। आग में मकान में रखा सामान जल गया। दीवार व छत का प्लास्टर भी गिर गया। आसपास के लोगों ने सिलेंडर को फटने से बचा लिया।
1990 में हुए थे रिटायर
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दमकल के पहुंचने से पहले ही रसोई गैस सिलेंडर को बाहर निकाल लिया गया था। इस तरह बड़ा हादसा टल गया। यदि सिलेंडर फट जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। सूचना पर पहुंची दमकल ने आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक कार जलकर राख हो चुकी थी। थानाधिकारी अभिलाषा ने बताया कि रिटायर्ड सूबेदार माइग्रेन व साइकोसिस के मरीज थे। वे परिवार से अलग रहते थे। फिलहाल मामले में कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। उनके दो बेटे सुरेंद्र व सुरेश हैं। दोनों बेटे अपने परिवार के साथ बेंगलुरू में रहते हैं। उनके बड़े भाई सांवलराम ने बताया कि सुखदेवाराम वर्ष 1990 में सेना से रिटायर हुए थे। वर्ष 1985 में उनकी पत्नी का निधन हो गया था।
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जिसके बाद से वे मानसिक रूप से परेशान थे। इससे पहले वे 15 साल तक जयपुर में अकेले रहते थे और पिछले दो-तीन साल से घर में अकेले ही रह रहे थे। वह परिवार के किसी भी सदस्य से ठीक से बात नहीं करता था और हमेशा लड़ाई-झगड़े के लिए तैयार रहता था, इसलिए उसके बेटे, बेटियां और परिवार के अन्य सदस्य उससे बात नहीं करते थे। मानसिक बीमारी के कारण उसने वर्ष 1996 में अपनी कार को भी आग लगा दी थी। उसके बेटे सुरेंद्र की दो बेटियों की 27 नवंबर को शादी है, जिसके लिए सुरेंद्र और उसका परिवार तैयारियों में व्यस्त है और इसी कारण से सुरेंद्र बेंगलुरु से आया है।
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