भुवनेश्वरः प्रसिद्ध शिल्पी, पद्मविभूषण से अलंकृत तथा राज्यसभा सदस्य रघुनाथ महापात्र का रविवार को निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण भवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती थे। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके पुत्र से टेलीफोन पर बात कर उनका हाल जाना था। महापात्र का जन्म पुरी में 23 मार्च, 1943 को हुआ था। उन्हें 1975 में पद्मश्री, 2001 में पद्मभूषण तथा 2013 में पद्मविभूषण से अलंकृत किया गया था। वर्ष 2018 में उन्हें राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सांसद महापात्र के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पटनायक ने अपने शोक संदेश में कहा, रघुनाथ महापात्र के निधन का समाचार सुनकर वह दुःखी हैं। ओडिशा के कला को समृद्ध करने में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने महापात्र की आत्मा की सद्गति की कामना करने के साथ-साथ शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने महापात्र के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
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उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओडिशा को सम्मान दिलाने वाले शिल्पी रघुनाथ महापात्र के निधन से वह दुःखी हैं। उनके साथ मेरे पारिवारिक संबंध थे। एक नामचीन शिल्पी के रूप में उन्होंने पत्थरों पर कार्य कर ओडिशा की उत्कृष्ट कला एवं संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया था। उनके निधन से एक अपूरणीय रिक्तता पैदा हुई है। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के साथ-साथ उनकी आत्मा की सद्गति की कामना की है। उन्होंने कहा कि इस दुःखद घड़ी में महाप्रभु श्रीजगन्नाथ उनके परिवार को धैर्य एवं साहस प्रदान करें।