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20 रुपये में भी मिलेगी धान, चावल और लौकी के बीजों से बनी 'भोरबंधन राखी'

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रायपुर : भाई-बहनों का पवित्र रक्षाबंधन (raksha bandhan) का त्याेहार इसी माह के 11 अगस्त को मनाया जाएगा। पावन पर्व रक्षा बंधन (raksha bandhan) को देखते हुए छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले की बिहान की महिला स्व सहायता समूह ने भाइयों की कलाइयों में रक्षा बंधन सजाने की पूरी तैयारियां कर ली हैं। इस बार उन्होंने अपने द्वारा बनाए गए राखियों को ’भोर बंधन’ नाम दिया है, भोरबंधन राखियों (bhor bandhan rakhi) की कीमत 20 रुपये से शुरू होकर अलग-अलग वैराटियों में 35 से 40 रुपये तक है। भोर बंधन राखियों की बिक्री के लिए कबीरधाम जिले में सात अलग-अलग कांउटर भी बनाए गए हैं, जिसमें कलेक्टोरेट परिसर, सी-मार्ट और जिले के सभी विकासखण्ड के जनपद पंचायत मुख्यालयों में भोरबंधन ब्रांड की राखियां उपलब्ध रहेंगी।

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ये राखियां आकर्षक तो हैं हीं, साथ ही राखियों को बनाने के लिए धान, चावल, गेहूं, लौकी के बीज का उपयोग किया गया है जिससे इस पावन पर्व का महत्व और बढ़ गया है। पहले ही दिन महिला समूहों की भोरबंधन राखियों (bhor bandhan rakhi) की अच्छी बिक्री होने की जानकारी मिली है। राजानवागांव की महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि उनके समूह ने राखियां बनाने में दोगुनी मेहतन की है। बहुत कम समय में समूह ने 800 सौ राखियां तैयार की हैं। बाजार के मांग के आधार पर और बढ़ाई जाएंगी।

आत्मनिर्भर व स्वालंबन की दिशा में बढ़ रही कबीरधाम जिले की महिला समूह, कम समय में 6 हजार राखियां तैयार की हैं। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि शासन के आर्थिक विकास व रोजगार मूलक गतिविधियों से जोड़ते हुए 17 सक्रिय महिला स्व सहायता समूहों को राखियां बनाने और उनके लिए स्वतंत्र बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जा रहा है। वर्तमान में इस समूहों द्वारा भोर बंधन (bhor bandhan rakhi) नाम से 6 हजार 600 से अधिक राखियां तैयार कर ली गई। बाजार के मांग के आधार पर समूहों को लगभग 30 हजार राखियां बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है।

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