कोलकाता: चिटफंड मामले में गिरफ्तार तृणमूल नेता राजू साहनी ने खुद के पाक-साफ होने का दावा करते हुए कहा कि चिटफंड मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। शनिवार को बैंकशाल कोर्ट स्थित विशेष सीबीआई कोर्ट में पेशी के लिए लाये गए नेता राजू साहनी ने कहा कि वह इस घटना में शामिल नहीं है, वक्त आने पर सभी को पता चल जाएगा।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को सीबीआई ने राजू के घर पर छापेमारी की थी। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को छापेमारी के दौरान राजू साहनी के घर से 80 लाख रुपये, करोड़ों रुपये की संपत्ति के दस्तावेज, एक देसी तमंचा और कुछ कारतूस बरामद किए गए। राजू साहनी पर प्रोटेक्शन मनी के नाम पर बर्दवान संपर्क कल्याण संगठन नामक चिटफंड कंपनी के जरिये बड़ी मात्रा में लोगों से रुपए ऐंठने के आरोप हैं।
राजू साहनी के हलीशहर लालकुठी मित्रपाड़ा स्थित पैतृक आवास पर अब ताला लगा है। वह और उनका परिवार ज्यादातर हलिशहर खासबाटी में अपने रिसॉर्ट में रहते थे। राजू सहानी लालकुठी के मित्रपाड़ा में पले-बढ़े, बचपन में एक निजी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में अपनी शिक्षा पूरी की। इलाके के लोग अभी भी नहीं सोच सकते कि राजू को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। कई लोग मानते हैं कि उन्हें फंसाया गया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में मुकुल रॉय के हाथों हलीशहर नगर पालिका के वार्ड नंबर 11 के पार्षद और राजू के पिता लक्ष्मण साहनी तृणमूल में शामिल हुए थे। उस समय राजू बिजनेस के सिलसिले में बैंगलोर में रहते थे। पिता के कहने पर राजू हालीशहर पहुंचे और धीरे-धीरे राजनीति में कदम रखा। 2017 में राजू ने वार्ड नंबर 22 से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। फिर 2018 में राजू साहनी तृणमूल में शामिल हो गए। 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद जब भाजपा की हवा चली तो वह कुछ समय के लिए भाजपा में शामिल हो गए, लेकिन बाद में वापस तृणमूल में आ गए। वर्ष 2019 में हालीशहर नगरपालिका को भाजपा ने अपने कब्जे में ले लिया। तीन महीने बाद, तृणमूल ने फिर से बोर्ड पर कब्जा किया और उस समय राजू साहनी को हालीशहर नगरपालिका प्रशासक का प्रभार दिया गया। 2022 में वार्ड नंबर 17 से राजू साहनी निर्विरोध जीते। उसके बाद राजू ने नगर पालिका के चेयरमैन के रूप में कार्यभार संभाला।
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