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राजकोट गेम जोन अग्निकांड पर हाई कोर्ट सख्त, सरकार और प्रशासन को सुनाई खरी-खोटी

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Rajkot Game Zone Fire , अहमदाबादः राजकोट में टीआरपी गेम जोन की घटना पर गुजरात हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सरकार और प्रशासन को  जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि 4 साल में ये छठी बड़ी घटना है, कई लोग मरे, प्रशासन ने क्या किया। हमारे पास ऐसी कोई मशीनरी नहीं है। फायर सेफ्टी के मुद्दे पर 4 साल पहले कार्रवाई का आदेश दिया गया था, लेकिन इन 4 सालों में ऐसा कोई काम नहीं हुआ है। हाई कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इसकी सुनवाई शुरू कर दी है। सोमवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई हो रही है।

राजकोट गेम जोन हादसे की पेपर कटिंग रविवार को हाईकोर्ट में हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के प्रधान ब्रिजेश त्रिवेदी और वकील अमित पांचाल ने पेश की। इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने रविवार को छुट्टी के दिन ही सुनवाई शुरू कर दी। सोमवार को सुनवाई के दूसरे दिन राज्य के कई शहरों से महानगर पालिकाओं के अधिकारी, अग्निशमन अधिकारी और अन्य सरकारी अधिकारी उपस्थित थे।

गेम जोन के इस्तेमाल की किसने दी मंजूरी 

हाई कोर्ट ने पूछा कि गेमज़ोन के इस्तेमाल की मंजूरी कैसे दी गई। लंबे समय से गेम जोन संचालित होने के बावजूद सुरक्षा को लेकर कोई काम नहीं किया गया। इस मामले में सरकार की ओर से दोनों महाधिवक्ता पेश हुए। इसके अलावा राजकोट, अहमदाबाद और वडोदरा नगर निगम के वकील भी सुनवाई के दौरान मौजूद थे। हाईकोर्ट ने कई मामलों में नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार और निगम से जवाब मांगा है।

मिली जानकारी के मुताबिक ये कोई पहला हादसा नहीं है, कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद लापरवाही बरती जा रही है। यह दिखावा करने का कोई मतलब नहीं है कि छोटे अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। हाईकोर्ट में सरकार ने माना कि राजकोट गेमजोन में फायर एनओसी नहीं है।

बिना फायर सेफ्टी के चल रहे गेम जोन 

सोमवार को जब कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो लॉयर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ वकील अमित पांचाल ने कोर्ट को बताया कि गेम जोन बिना फायर सेफ्टी के चल रहा है। कोर्ट ने अग्नि सुरक्षा से जुड़े फैसले को रिकॉर्ड पर ले लिया है। राजकोट अग्निकांड में एएमसी समेत प्रशासन जिम्मेदार है। पार्किंग की जगह और फायर सेफ्टी की कमी के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। गेमिंग जोन की मंजूरी के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। अस्थायी संरचनाओं के लिए कोई नियम नहीं हैं। वकील एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि राजकोट अग्निकांड हत्या के समान है। यह एक बार का हादसा नहीं है।

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पूरे अहमदाबाद में 34 गेम सेंटर

सरकारी वकील ने कोर्ट में बताया कि अहमदाबाद में 34 गेम सेंटर हैं, जिनमें से 28 इनडोर और 6 आउटडोर हैं। सरकारी वकील ने कहा कि वॉटर स्पोर्ट्स, मनोरंजन पार्क, एरियल रोप-वे को लेकर नियम बनाए जा रहे हैं। बिना फायर एनओसी के गेम जोन खोलने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। सरकारी वकील ने कहा कि वडोदरा की घटना के बाद 1 मार्च को एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। सभी जल खेलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। 21 मई को एक उच्च स्तरीय समिति की बैठक भी हुई। अब बोटिंग और मनोरंजन पार्क के लिए नियम और एसओपी बनाई जा रही है।

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