Friday, January 3, 2025
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Jaisalmer: जैसलमेर में धरती से अचानक फूटा पानी का फव्वारा ! जानें क्यों हो रही इतनी चर्चा

Jaisalmer: राजस्थान के जैसलमेर ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान रेगिस्तान से अचानक पानी की ऐसी धारा फूटी कि उसे रोकना मुश्किल हो रहा है। ट्यूबवेल की खुदाई के लिए लाई गई बोरिंग मशीन ट्रक समेत जमीन में धंस गई है। पानी के बहाव को देखते हुए प्रशासन ने 500 मीटर के दायरे में इलाके को खाली करा दिया है। फिलहाल 3 दिन बाद जमीन से निकला पानी का सैलाब सोमवार को थम गया।

Jaisalmer: पूरे इलाके को कराया गया खाली

हालांकि राजस्थान के जैसलमेर में जिस स्थान पर जमीन से पानी की धारा फूटी है, वहां विस्फोट हो सकते हैं। वहां जहरीली गैस के रिसाव की आशंका है। जमीन धंस सकती है। इसलिए जमीन में दबे ट्रक और बोरिंग मशीन को निकालने के लिए अभी रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चलाया जा रहा है। ऑयल कंपनी के विशेषज्ञों से चर्चा के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा। फिलहाल इस इलाके को खाली करा लिया गया है। राहत की बात यह रही कि 29 दिसंबर रविवार रात करीब 10 बजे जमीन से निकल रही पानी की धारा अपने आप बंद हो गई।

Jaisalmer: गड्ढे में समां गई 22 टन की मशीन ट्रक

बता दें कि 28 दिसंबर की सुबह जैसलमेर के मोहनगढ़ में चक-27 बीडी के 3 जोरा माइनर के पास भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष विक्रम सिंह के खेत में बोरवेल खोदा जा रहा था। करीब 850 फीट खुदाई के बाद अचानक तेज दबाव के साथ पानी निकलने लगा। पानी की धारा जमीन से चार फीट ऊपर तक उठती रही। पानी के दबाव के कारण मौके पर 20 फीट चौड़ा गड्ढा बन गया है।

28 दिसंबर की रात को बोरवेल खोद रही 22 टन की मशीन ट्रक समेत इसी गड्ढे में गिर गई। किसी तरह बोरवेल मशीन पर काम कर रहे मजदूरों और ग्रामीणों ने अपनी जान बचाई। 29 दिसंबर की रात को जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने पानी का बहाव बंद होने की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि गैस का रिसाव भी बंद हो गया है। तेल कंपनियों को ट्रक और मशीन को गड्ढे से बाहर निकालने के लिए सूचित कर दिया गया है। उनकी संकट प्रबंधन टीम के आने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाएगा।

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दोबारा हो सकता है रिसाव

विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि इस स्थान पर कभी भी दोबारा रिसाव शुरू हो सकता है। ये गैसें हानिकारक भी हो सकती हैं। जमीन धंसने और विस्फोट जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं। कलेक्टर प्रताप सिंह ने घटना स्थल और उसके आसपास किसी भी आम व्यक्ति या जानवर के आने-जाने पर रोक लगा दी है। 29 दिसंबर की रात को उन्होंने आदेश जारी कर धारा 163 लगा दी।

सैंपल की रिपोर्ट आने का इंतजार

कलेक्टर ने कहा कि तेल-गैस कंपनियों के विशेषज्ञों द्वारा लिए गए सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे का काम शुरू होगा। फिलहाल प्रभावित क्षेत्र में आम नागरिकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। ट्रक और बोरिंग मशीन के पानी में डूबने की घटना के बाद प्रशासन ने 500 मीटर के दायरे के इलाके को खाली करा दिया है। मौके पर ओएनजीसी, केयर्न इंडिया और ऑयल इंडिया के विशेषज्ञों को बुलाया गया। विशेषज्ञों ने 29 दिसंबर की दोपहर को सैंपल लिए।

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