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फर्जी ई-मित्र और आधार केन्द्र खोलने वालों की अब खैर नहीं, प्रदेश भर में चलेगा चेकिंग अभियान

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जयपुर: संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल (Jogaram Patel) ने शनिवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि प्रदेशभर में सघन अभियान चलाकर फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले आधार केन्द्रों एवं ई-मित्र (Aadhaar Centres and E-Mitra) संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए प्रदेश में संचालित सभी ई-मित्रों एवं आधार केन्द्रों का निरीक्षण किया जाएगा तथा आधार मशीनों की वार्षिक रिपोर्ट मंगवाई जाएगी तथा उनका परीक्षण भी किया जाएगा।

राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला

उन्होंने कहा कि ई-मित्र संचालकों के लिए केन्द्र के बाहर निशुल्क सेवाओं एवं सशुल्क सेवाओं की मात्रा की जानकारी लिखना अनिवार्य किया जाएगा, ताकि आमजन से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क नहीं वसूला जा सके। संसदीय कार्य मंत्री रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी द्वारा इस संबंध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाए गए मामले का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सीमावर्ती जिलों में संचालित अधिकृत आधार केन्द्रों द्वारा फर्जी आधार कार्ड बनाना राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) से जुड़ा अत्यंत गंभीर मामला है।

राज्य सरकार ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार प्रभावी कार्रवाई कर रही है। उन्होंने बताया कि 21 जून 2024 को फर्जी दस्तावेज व बायोमेट्रिक्स का उपयोग कर फर्जी आधार कार्ड बनाने की खबर प्रकाशित होने पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण नई दिल्ली से आधार कार्ड के संबंध में जांच करवाई।

केंद्र सरकार को कराया गया था अवगत

पटेल ने बताया कि सांचौर जिले में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले ई-मित्र संचालकों के खिलाफ 2 मामले दर्ज किए गए। इनमें से एक मामले में जांच के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के रजिस्ट्रार के अधीन कार्यरत संचालक कन्हैयालाल की आईडी से आधार कार्ड का नामांकन होना पाया गया। मामले में संलिप्त ई-मित्र व आधार संचालकों के खिलाफ 21 जून 2024 को पुलिस थाना सरवाना, जिला सांचौर में पुलिस एफआईआर संख्या 63 दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई।

पटेल ने बताया कि इस मामले की जांच सीबीआई को हस्तांतरित करने के लिए अनुरोध पत्र के साथ अधिसूचना व आवश्यक जानकारी केंद्र सरकार को भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में नामजद आरोपी तोगाराम, गणपत सिंह व कन्हैया लाल फरार हैं, जिनकी तलाश व गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। सांचौर जिले के दूसरे मामले में चितलवाना थाने में प्रकरण संख्या 209/2023 दर्ज कर आरोपी मनोहर लाल के विरुद्ध अपराध प्रमाणित पाए जाने पर उसे 21 जून 2024 को गिरफ्तार किया गया।

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अन्य आरोपी विकास निवासी राजीवनगर, रमेश निवासी सांगवाड़ा व सुनील निवासी चितलवाना की गिरफ्तारी लंबित है तथा मामले की जांच जारी है। उन्होंने बताया कि सांचौर जिले में ई-मित्र संचालकों व आधार केन्द्रों पर प्रभावी निगरानी की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने आश्वस्त किया कि यदि कोई ई-मित्र या आधार केन्द्र संचालक फर्जी आधार कार्ड बनाने में संलिप्त पाया गया तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पटेल ने बताया कि बाड़मेर व जालौर में आधार केन्द्रों द्वारा फर्जी आधार कार्ड बनाने के संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है तथा इस दिशा में निरंतर निगरानी जारी है। उन्होंने बताया कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा तकनीकी जांच के बाद 14 आधार ऑपरेटरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन आधार ऑपरेटरों की आधार मशीनों को रजिस्ट्रार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा डी-रजिस्टर कर बंद कर दिया गया है तथा प्राधिकरण के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

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