Home फीचर्ड फिर गरमाई राजस्थान की राजनीति, राज्यपाल के गहलोत सरकार पर हमले के...

फिर गरमाई राजस्थान की राजनीति, राज्यपाल के गहलोत सरकार पर हमले के बाद बढ़ा विवाद

जयपुरः राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने पायलट विद्रोह के बाद से बिना सत्रावसान के विधानसभा सत्र जारी रखने के लिए गहलोत सरकार पर परोक्ष हमला किया है। दरअसल सचिन पायलट खेमे के विद्रोह के दौरान जुलाई 2020 में विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर सरकार और राजभवन के बीच विवाद हो गया था। मुख्यमंत्री गहलोत ने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन में धरना दिया था। कुछ विचार-विमर्श के बाद विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी दे दी गई था।

ये भी पढ़ें..पाकिस्तान में खाने के पड़े लाले! आटे के बाद अब दाल के दामों में भारी बढ़ोत्तरी

घटना के बाद से विधानसभा सत्र का सत्रावसान करने के बजाय लगातार जारी है। परिपाटी के अनुसार सत्र के बाद विधानसभा का सत्रावसान किया जाता है। राज्यपाल ने गुरुवार को कहा कि सदन का सत्रावसान किए बिना सीधे विधानसभा सत्र बुलाने की प्रथा एक लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है। मिश्रा ने 83वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (एआईपीओसी) के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार की सिफारिश पर विधानसभा सत्र बुलाने की शक्ति राज्यपाल के पास है। इसके कारण विधायकों को प्रश्नों की निर्धारित संख्या और संवैधानिक प्रक्रिया के लिए अतिरिक्त अवसर नहीं मिलते।

राज्य सरकार के नए विधेयकों (संशोधन विधेयकों को भी) को मंजूरी देने और केंद्र सरकार को अग्रेषित करने में देरी पर मिश्रा ने कहा, विधानसभाओं के औपचारिक सत्रावसान और नए सत्र के आयोजन पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। राज्यपाल कोई व्यक्ति नहीं है। वह एक संवैधानिक निकाय है। जब वह संवैधानिक आधार पर संतुष्ट हो जाता है कि अध्यादेश न्यायोचित है, तभी वह इसे मंजूरी देता है। चुनावी साल में गहलोत सरकार पर हुए इस हमले ने कई लोगों की भौंहें चढ़ा दी हैं। उन्होंने कहा, इंतजार करें और देखें, चुनावी साल में कुछ नए टकराव हो सकते हैं। इस बीच विधानसभा का अगला सत्र 23 जनवरी से शुरू हो रहा है जिसमें इस सत्र में बजट पारित किया जाएगा।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

Exit mobile version