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राजस्थान में सियासी संग्रामः कांग्रेस उदयपुर में तो BJP जयपुर में करने जा रही है बड़ी बैठक

BJP-CONG

नई दिल्लीः राजस्थान की धरती से देश की राजनीति की दिशा तय होने जा रही है। एक ओर जहां कांग्रेस अपनी पार्टी की दशा और दिशा सुधारने के लिए राजस्थान के उदयपुर में 13 से 15 मई के बीच चिंतन शिविर बैठक करने जा रही है। तो वही दूसरी ओर अगले सप्ताह आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की रणनीति बनाने और संगठन को मजबूत बनाने के तौर तरीकों पर विचार-विमर्श करने के लिए भाजपा 20-21 मई को राजस्थान के जयपुर में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक करने जा रही है। भाजपा की इस दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। बताया जा रहा है, प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअली इस बैठक में शामिल होंगे और वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में मौजूद पार्टी नेताओं को संबोधित करेंगे।

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20 और 21 मई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में होने वाली पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की इस बैठक में पार्टी के सभी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, महासचिव और सचिवों सहित पार्टी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल होंगे। पार्टी की इस दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने के लिए पार्टी ने सभी प्रदेशों के अध्यक्षों, संगठन महासचिवों, प्रभारियों, सह प्रभारियों और अन्य महत्वपूर्ण नेताओं को भी जयपुर बुलाया है।

बताया जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी आगामी विधान सभा चुनावों के साथ-साथ देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति और संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर भी चर्चा करेगी। इस वर्ष के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं तो वहीं अगले वर्ष राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और कर्नाटक में भी विधान सभा चुनाव होने हैं। इनमें से छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है जिसे चुनाव में हराने की रणनीति पर भी इस बैठक में विचार किया जाएगा। राज्य इकाइयों की तरफ से संगठन के कामकाज को लेकर रिपोर्ट भी बैठक में पेश की जाएगी। इसके साथ ही संगठन में बदलाव की रूप-रेखा को लेकर भी बैठक में चर्चा हो सकती है।

आपको बता दें कि, कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में इस तरह की बड़ी बैठक करने का अपना राजनीतिक महत्व है क्योंकि कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भाजपा लगातार गहलोत सरकार को घेर रही है और राज्य के विभिन्न इलाकों में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर भी भाजपा लगातार आक्रामक तरीके से गहलोत सरकार और कांग्रेस को घेरने में लगी हुई है। जयपुर में भाजपा की इस तरह की बैठक का राजनीतिक महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि अशोक गहलोत सोनिया गांधी के काफी करीबी माने जाते हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने से पहले वो कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव रह चुके हैं।

एक सप्ताह के अंतराल पर देश की दो प्रमुख पार्टियों की राजस्थान में होने वाली बैठकों से प्रदेश का राजनीतिक तापमान तो बढ़ना तय है। कांग्रेस जहां हाल ही में हुए विधान सभा चुनावों में मिली हार के साथ-साथ पार्टी के भविष्य को लेकर रोड मैप तय करने पर विचार करेगी। कांग्रेस का एजेंडा नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश के साथ-साथ केंद्र की भाजपा सरकार को घेरने की रणनीति भी तैयार करना होगा तो वहीं भाजपा का लक्ष्य संगठन को इस तरह से और ज्यादा मजबूत करना है ताकि गिने-चुने राज्यों की सत्ता से भी कांग्रेस को बाहर किया जा सके और जहां-जहां भाजपा वर्तमान में सरकार चला रही है वहां फिर से चुनावी जीत हासिल कर सके। यह भी बिल्कुल साफ है कि आने वाले दिनों में राजस्थान, भाजपा और कांग्रेस की राजनीतिक लड़ाई का एक बड़ा केंद्र बनने जा रहा है।

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