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सिंगल यूज प्लास्टिक बेचने और बनाने वालों की अब खैर नहीं, 1 जुलाई से इन पर लग जाएगा बैन

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चूरूः जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व एलएन मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा आयोजित पर्यावरण कानून के प्रावधान और सभी हितधारकों के लिए प्रदूषण और पर्यावरणीय गिरावट के हानिकारक प्रभाव’ विषय पर कार्यशाला हुई। कार्यशाला में आम जन को जागरुक करने के लिए प्रतिबंधित प्लास्टिक आइटम्स की जानकारी दी गई।

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव प्रमोद बंसल ने कार्यशाला का शुभारंभ कर पर्यावरण प्रदूषण के नियंत्रण एवं पर्यावरण संबंधी कानूनों के आलावा नवयुवकों, किशोरों एवं बालकों में नशा ड्रग तस्करी एवं दुरुपयोग की बढ़ती गंभीर एवं जटिल अंतर्राष्ट्रीय समस्या पर जन सन्देश देते हुए विधिक सेवा कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादों पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगने जा रहा है। उन्होने सिंगल युज प्लास्टिक के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक वो होता है, जिसका इस्तेमाल एक ही बार होता है और फिर उसे फेंक दिया जाता है। खास बात ये है कि इन्हें रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता है। स्ट्रो, प्लास्टिक चम्मच, कटोरी आदि सिंगल यूज प्लास्टिक में आती है जो कि 1 जुलाई से बेन होने वाला है।

शिवम् हॉस्पिटल संचालक डॉ. महेश शर्मा ने राजस्थान सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया की राजस्थान के सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक बैन के आदेश जारी हो गए है। वन विभाग के शासन सचिव शिखर अग्रवाल ने आदेश जारी किए है। प्रदेश में 1 जुलाई 2022 से आदेश लागू होंगे। आदेश के अनुसार सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक बोतल, ट्रे, ग्लास, बैनर और प्लास्टिक से बनी सभी सामग्री हटाई जाएगी। राजस्थान में पॉलीथिन के बाद अब प्लास्टिक को बैन किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय 01, जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम्स के उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री व उपयोग पर रोक लगा दी गई है। पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी निभाने का आश्वासन देते हुए डॉ. शर्मा ने सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग नहीं करने का संकल्प दिलाया और बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक, नाम से ही साफ है कि ऐसे प्रोडक्ट जिनका एक बार इस्तेमाल करने के बाद इन्हें फेंक दिया जाता है। इसे आसानी से डिस्पोज नहीं किया जा सकता है। साथ ही इन्हें रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि प्रदूषण को बढ़ाने में सिंगल यूज प्लास्टिक की अहम भूमिका होती है।

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