देहरादूनः उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण जन-जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया। कई जगहों पर भूस्खलन के चलते दर्जनों लोगों की मौत हो गई है, कई मकान जमींदोज हो गए हैं। नैनीताल झील का जलस्तर भी बढ़ गया और उसका पानी हल्द्वानी रोड पर बह रहा है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन की पटरियां गौला नदी में बह गई हैं। जिस कारण ट्रेनों का संचालन निरस्त कर दिया गया है। बारिश के चलते हुए भूस्खलन से मलबा आने के कारण कई सड़के भी बंद हो गई हैं। संचार व्यवस्था भी ध्वस्त हो गई है।
मौसम विभाग के साथ राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन द्वारा पहाड़ों में वर्षा को देखते हुए अलर्ट जारी कर तमाम जरूरी प्रबंध किये जा रहे हैं। इस दौरान ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। जिसके चलते मंगलवार सुबह त्रिवेणी घाट पर गंगा आरती स्थल सहित आपदा प्रबंधन की बनी पुलिस चैकी में भी पानी घुस गया है। इस आपात स्थिति को देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन अलर्ट है। प्रशासन ने त्रिवेणी घाट को खाली कराते हुए लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। ऋषिकेश तहसीलदार अमृता शर्मा अपनी टीम के साथ त्रिवेणी घाट पहुंचीं। ऋषिकेश कोतवाली प्रभारी महेश जोशी और घाट चौकी इंचार्ज उत्तम रमोला के साथ आपदा प्रबंधन को लेकर घाट पर रह रहे लोगों से उन्होंने सुरक्षित स्थान पर चले जाने को लेकर हिदायत देते हुए खाली करवा दिया है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से दूरभाष पर राज्य में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी लेते हुए राज्य को सहयोग का भरोसा दिया। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखंड में बारिश से हुई अतिवृष्टि से हुए नुकसान और संचालित राहत बचाव कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में कुछ स्थानों पर नुकसान हुआ है। शासन प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। प्रधानमंत्री ने केन्द्र से राज्य को हर आवश्यक सहयोग के लिए आश्वस्त किया है। इससे पहले सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह भी मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बातचीत कर बारिश और राहत बचाव की जानकारी ली थी।
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वहीं, गंगा आरती स्थल सहित घाट पर बनी पुलिस की आपदा प्रबंधन चैकी भी डूब गई है। श्री गंगा सभा ऋषिकेश के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल शर्मा का कहना था कि घाट पर 4 बजे से गंगा का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया था ,जो सुबह 7 बजे तक अपने पूरे उफान पर रहा। केंद्रीय जल आयोग अधिकारियों का कहना है कि गंगा का जलस्तर बढ़ने की सूचना मिलते ही सोमवार रात को ही अलर्ट जारी कर दिया गया था। गंगा सेवा समिति के कर्मचारियों ने गंगा स्थल पर रखे सारे सामान को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना प्रारंभ कर दिया है। पुलिस ने त्रिवेणी घाट जाने वाले सभी रास्तों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया है।
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