ग्वालियर: पिछले दो दिनों से बादल रुके हुए हैं। इससे जहां तापमान 33 डिग्री सेल्सियस से ऊपर स्थिर है, वहीं वातावरण में नमी बढ़ने लगी है. मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक अब 15 अगस्त के बाद ही भारी बारिश होगी। इससे पहले स्थानीय प्रभाव से गरज-चमक के साथ छिटपुट बारिश हो सकती है।
5 और 6 अगस्त की रात हुई भारी बारिश के बाद शहर में मानसून की गतिविधियां थम गई हैं। हालांकि अभी भी आसमान में बादल नजर आ रहे हैं, लेकिन छितराए बादलों के कारण कभी हल्की तो कभी तेज धूप निकल रही है। जिससे उमस सताने लगी है। मंगलवार को भी अधिकांश समय धूप खिली रही। जिसके चलते आज भी अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो औसत से 0.3 डिग्री सेल्सियस अधिक है. न्यूनतम तापमान भी 25.3 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर रहा, जो औसत से 0.2 डिग्री सेल्सियस कम है. सापेक्षिक आर्द्रता सुबह 79 एवं शाम को 66 रिकार्ड की गई।
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स्थानीय मौसम वैज्ञानिक हुकुम सिंह ने बताया कि इस समय मानसून की अक्ष रेखा हिमालय की तलहटी तक पहुंच गई है। हालांकि उत्तर गुजरात और उत्तरी बांग्लादेश में चक्रवात बने हुए हैं लेकिन उनका असर ग्वालियर-चंबल संभाग में नहीं है। ऐसे में बारिश की उम्मीद कम है. हालांकि स्थानीय प्रभाव से संभाग में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। 14 से 15 अगस्त के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक नया कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है। इसके प्रभाव से 15 अगस्त के बाद संभाग में एक बार फिर भारी बारिश हो सकती है।